आज 22 सितंबर से लागू जीएसटी 2.0 सुधारों से कृषि और डेयरी सेक्टर को बड़ा फायदा मिलेगा। उर्वरक, जैव-कीटनाशक और कृषि उपकरणों पर जीएसटी घटाकर 5% कर दिया गया है, जिससे खेती की लागत कम होगी और किसानों की आय बढ़ेगी। डेयरी उत्पादों पर भी टैक्स घटाकर 0-5% कर दिया गया है, जिससे करीब 8 करोड़ किसानों और 19 लाख करोड़ रुपये के डेयरी उद्योग को सीधा लाभ होगा। विशेषज्ञों का मानना है कि इन सुधारों से किसानों को राहत, उपभोक्ताओं को सस्ती दर पर पोषण और उद्योग को विकास की नई गति मिलेगी।
देश में जीएसटी 2.0 के तहत किए गए सुधार आज, 22 सितंबर से लागू हो गए हैं, जिनसे कृषि और डेयरी सेक्टर को बड़ा फायदा मिलने की उम्मीद है। किसानों, उपभोक्ताओं और उद्योग जगत ने इस फैसले का स्वागत किया है। उर्वरक, जैव-कीटनाशक, कृषि उपकरण और डेयरी उत्पादों पर जीएसटी दरों में कटौती से न केवल खेती की लागत घटेगी बल्कि उपभोक्ताओं को भी पौष्टिक भोजन सस्ती कीमत पर मिल सकेगा।
सुरक्षित खेती और नवाचार को बढ़ावा
धानुका एग्रीटेक के चेयरमैन आरजी अग्रवाल ने इसे किसानों के लिए “बड़ा दिवाली उपहार” बताते हुए कहा कि जैव-कीटनाशकों और कृषि-ड्रोन पर कर में कटौती से किसान सुरक्षित और टिकाऊ खेती की ओर बढ़ेंगे। उर्वरक कच्चे माल पर उल्टा शुल्क ढांचा ठीक होने से उत्पादन भी सस्ता होगा।
किसानों के लिए बड़ी राहत
गोदरेज एग्रोवेट लिमिटेड के सीईओ और एमडी सुनील कटारिया ने कहा कि उर्वरकों और जैव-कीटनाशकों पर जीएसटी में कमी ऐसे समय में किसानों के लिए राहत है, जब अनियमित मौसम ने फसलों को नुकसान पहुंचाया है। उन्होंने बताया कि खेती की कुल लागत में इनपुट का हिस्सा 30-40% होता है, इसलिए कर में कटौती से उपज और आय दोनों बढ़ेंगी।
किस उपकरण पर कितनी छूट
मंत्री चौहान ने बताया कि जीएसटी घटने के बाद कीमतों में बड़ी कमी आई है। कुछ प्रमुख उदाहरण इस प्रकार हैं।
35 एचपी ट्रैक्टर – ₹41,000 सस्ता
45 एचपी ट्रैक्टर – ₹45,000 सस्ता
50 एचपी ट्रैक्टर – ₹53,000 सस्ता
75 एचपी ट्रैक्टर – ₹63,000 सस्ता
धान रोपने वाली मशीन (4 पंक्ति) – ₹15,400 सस्ती
थ्रेशर (4 टन/घंटा क्षमता) – ₹14,000 सस्ता
पावर टिलर (13 एचपी) – ₹11,875 सस्ता
हार्वेस्टर कंबाइन (14 फीट) – ₹1,87,500 सस्ता
स्ट्रॉ रीपर (5 फीट) – ₹21,875 सस्ता
सुपर सीडर (8 फीट) – ₹16,875 सस्ता
रोटावेटर (6 फीट) – ₹7,812 सस्ता
बेलर स्क्वायर (6 फीट) – ₹93,750 सस्ता
मल्चर (8 फीट) – ₹11,562 सस्ता
स्प्रेयर (400 लीटर क्षमता) – ₹9,375 सस्ता
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डेयरी सेक्टर में भी बड़ा सुधार
डेयरी सेक्टर में भी यह सुधार बड़ी राहत लेकर आया है। यूएचटी दूध और पनीर पर टैक्स शून्य कर दिया गया है, जबकि मक्खन, घी, पनीर, दूध-आधारित पेय पदार्थ और गाढ़े दूध पर जीएसटी 12% से घटाकर 5% कर दिया गया है। यहां तक कि आइसक्रीम पर भी कर दर 18% से घटाकर 5% कर दी गई है।
8 करोड़ डेयरी किसानों को फायदा
सीएलएफएमए के अध्यक्ष दिव्य कुमार गुलाटी के मुताबिक, डेयरी उत्पादों पर कर घटाने से करीब 8 करोड़ डेयरी किसानों को सीधा लाभ होगा। इससे ग्रामीण आय में इजाफा होगा और चारा व पशु देखभाल में निवेश बढ़ेगा।
19 लाख करोड़ के डेयरी उद्योग को बढ़ावा
सरकार का कहना है कि अधिकांश डेयरी उत्पादों पर कर शून्य या केवल 5% रहने से 19 लाख करोड़ रुपये के डेयरी उद्योग में मांग बढ़ेगी। पराग मिल्क फूड्स लिमिटेड के चेयरमैन देवेंद्र शाह ने कहा कि इससे ग्रामीण और अर्ध-शहरी उपभोक्ताओं को सस्ती कीमत पर दूध उत्पाद मिलेंगे, जिससे किसानों को भी आय की स्थिरता मिलेगी।
भारत का डेयरी उद्योग और उत्पादन
भारत दुनिया का सबसे बड़ा दूध उत्पादक है। 2023-24 में देश का दूध उत्पादन 239 मिलियन टन रहा, जो वैश्विक उत्पादन का 24% है। 2024 में भारतीय डेयरी सेक्टर का बाजार आकार 18.98 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया है। मंत्रालय का मानना है कि नए जीएसटी सुधार किसानों, डेयरी उद्योग और उपभोक्ताओं सभी को लाभ पहुंचाएंगे और ग्रामीण आजीविका को स्थिरता देंगे।
ये देखें –
पूजा राय ने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) से पढ़ाई की है।
Lallantop में Internship करने के बाद NewsPotli के लिए कृषि और ग्रामीण भारत से जुड़ी खबरें लिखती हैं।