समस्तीपुर (बिहार)। देश के कई राज्यों में केले की खेती होती है। किसान बड़े पैमाने पर खेती भी करते हैं। ऐसे में केले की खास किस्म लाल केला भी है। जो अपनी विशिष्ट लाल-बैंगनी त्वचा और मीठे स्वाद के लिए जानी जाती है। ये किस्म मूसा एक्यूमिनटा प्रजाति की होती है।
लाल केले की विशेषता के बारे में डॉ राजेंद्र प्रसाद सेंट्रल एग्रीकल्चरल यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर डॉ एसके सिंह ने विस्तार से बताया है।
ऐसा माना जाता है कि लाल केले की उत्पत्ति दक्षिण पूर्व एशिया देश (मलेशिया, इंडोनेशिया और फिलीपींस) में हुई है। इसकी खेती अफ्रीका, दक्षिण अमेरिका और कैरेबियाई देशों सहित दुनिया भर में की जाती है।
लाल केले की सबसे खास विशेषता यह है कि उसकी जीवंत लाल से बैंगनी त्वचा होती है। जो कि आम पीले केले के विपरीत होती है। लाल केले का रंग लाल होता है जो पकने के साथ गहरा होता जाता है। फल का गूदा मलाईदार सफेद से हल्के गुलाबी रंग का होता है।
लाल केले में पाये जाने वाले पोशक तत्व
लाल केले में विटामिन और खनिज प्रचुर मात्रा में पाये जाते हैं। जिनमें विटामिन सी, विटामिन बी 6, पोटेशियम, मैग्नीशियम और फाइबर भी शामिल हैं। इनमें कैरोटीनॉयड और एंथोसायनिन जैसे एंटीऑक्सिडेंट भी होते हैं । एक लाल केला से लगभग 90 कैलोरी पायी जाती है। लाल केला ट्रिप्टोफैन को सेरोटोनिन में बदल देता है। सेरोटोनिन एक रसायन है जो मस्तिष्क और शरीर की तंत्रिका कोशिकाओं के बीच संदेश पहुंचाता है। सेरोटोनिन मूड, नींद, पाचन,सोने जागने के चक्र, घाव भरने, हड्डियों के स्वास्थ्य, रक्त के थक्के जैसे शारीरिक समस्याओं में काफी लाभदायक होता है।
100 ग्राम लाल केले में पोशक तत्वों की मात्रा
100 ग्राम लाल केले का गूदे में 0.4 मिलीग्राम विटामिन बी6 और 0.3 मिलीग्राम आयरन पाया जाता है। इसमें डोपामाइन भी होता है जिससे शरीर को खुशी प्रदान करने वाले हार्मोन्स होते हैं ।
लाल केले में सांद्रता की मात्रा
लाल केले में सांद्रता की मात्रा 54 mcg/g होती है जबकि पीले केले 42 mcg/g और प्लेनटेन (5.5 mcg/g) होता है।
लाल केले का स्वाद
लाल केले अपने पीले केलो की तुलना में अधिक मीठे और मलाईदार होते हैं। इसका स्वाद वेनिला और स्ट्रॉबेरी जैसा होता है। लाल केला की सेल्फ लाइफ पीले केले की तुलना में दस पंद्रह दिन अधिक होती है । छिलके के लाल रंग के कारण ये जल्दी खराब नही होता है।
लाल केले की बनावट
लाल केले की बनावट पीले केले की तुलना में नरम और अधिक नाजुक होती है। इसमें एक चिकनी और मलाईदार स्थिरता होती है।
पाककला में उपयोग
लाल केले को कच्चा खाया जा सकता है या विभिन्न पाककला में उपयोग किया जा सकता है। रंग और स्वाद बढ़ाने के लिए इन्हें अक्सर काटकर फलों के सलाद बनाई जाती है। प्राकृतिक मिठास को बढ़ाने के लिए इसे बेक किया जा सकता है, ग्रिल किया जा सकता है या तला जा सकता है।
स्वास्थ्य के लिए लाभदायक
केले की दूसरी किस्मों की तरह लाल केला भी स्वास्थ्य के लिए लाभदायक होता है। ये पोटेशियम का एक अच्छा स्रोत है। जो रक्तचाप को नियंत्रित करता और हृदय को रखने में मदद करता है। लाल केले में मौजूद फाइबर पाचन से पाचन ठीक रहता है व कब्ज की समस्या दूर होती है।
पर्यावरणीय प्रभाव
लाल केला अन्य किस्मों की तरह उपयुक्त जलवायु वाले उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में उगाए जाते हैं।
लाल केले की उपलब्धता
लाल केले पीले केले की तरह व्यापक रूप से उपलब्ध नहीं हैं। डॉ राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय में किए गए अनुसंधान में पाया गया की बिहार की कृषि जलवायु में अन्य केलो की भाती इसकी खेती सफलता पूर्वक की जा सकती है।