भारत के गोदामों में चावल और गेहूं का भंडार रिकॉर्ड स्तर पर पहुँच गया है। चावल का स्टॉक 48.2 मिलियन टन और गेहूं का 33.3 मिलियन टन है, जिससे निर्यात बढ़ेगा और त्योहारों के समय दाम काबू में रहेंगे। हालांकि नई फसल आने से भंडारण की चुनौती भी खड़ी हो सकती है।
भारत के सरकारी गोदामों में चावल और गेहूं का स्टॉक रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है। ताज़ा आंकड़ों के मुताबिक, 1 सितंबर तक चावल का भंडार 48.2 मिलियन टन है, जो पिछले साल से 14% ज्यादा है और तय लक्ष्य से कई गुना ऊपर है। वहीं, गेहूं का स्टॉक भी 33.3 मिलियन टन तक पहुंच गया है, जो पिछले चार साल में सबसे ज्यादा है।
चावल का निर्यात लगभग 25% बढ़ा
चावल का इतना बड़ा भंडार भारत को, जो दुनिया का सबसे बड़ा निर्यातक है, और ज्यादा निर्यात करने में मदद करेगा। इस साल चावल का निर्यात लगभग 25% बढ़कर 22.5 मिलियन टन तक पहुंचने का अनुमान है। हालांकि, अगले महीने से नई खरीफ धान की फसल आने लगेगी, जिससे भंडारण की चुनौती बढ़ सकती है।
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गेहूं का पर्याप्त भंडार
पिछले तीन साल से गेहूं की कमी सरकार के लिए चिंता का विषय थी, लेकिन अब पर्याप्त भंडार होने से सरकार त्योहारों के सीजन (दशहरा और दिवाली) में खुले बाजार में गेहूं बेचकर दामों को काबू में रख सकती है।
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पूजा राय ने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) से पढ़ाई की है।
Lallantop में Internship करने के बाद NewsPotli के लिए कृषि और ग्रामीण भारत से जुड़ी खबरें लिखती हैं।