देश की 30 फीसदी से ज्यादा खेती की ज़मीन की गुणवत्ता खराब हो रही है। इस पर कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने चिंता जताई है। मिट्टी की गुणवत्ता पर आयोजित वैश्विक सम्मेलन को ऑनलाइन संबोधित करते हुए कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा, ‘भुखमरी को खत्म करने, जलवायु परिवर्तन और भूमि पर जीवन से संबंधित सतत विकास लक्ष्यों (SDG) को हासिल करने के लिए मिट्टी की गुणवत्ता में सुधार करना जरूरी है।’
कृषि मंत्री ने बताया कि हम हर साल 330 मिलियन टन अनाज का उत्पादन कर रहे हैं, और करीब 50 बिलियन अमेरिका डॉलर के बराबर इसका निर्यात कर रहे हैं, ये कामयाबी हमें इस वजह से मिली क्योंकि हमने इस ओर ध्यान दिया। अब आगे जमीन की खराब हो रही गणवत्ता की तरफ भी ध्यान देने की ज़रूरत है।
क्यों खराब हो रही जमीन की गुणवत्ता?
खेती के लिए मुफीद जमीन की क्वालिटी खराब होने की बड़ी वजह जरूरत से ज्यादा फर्टिलाइज़र के छिड़काव है। वनों की कटाई, औद्योगिक कृषि, अत्यधिक चराई और शहरीकरण ने गिरावट को तेज कर दिया है।
खेती के खराब तरीके
मोनोक्रॉपिंग: खेत से कुछ पोषक तत्वों को ख़त्म कर देती है।
अकुशल सिंचाई: पृथ्वी की संरचना और पोषक तत्वों की उपलब्धता को नकारात्मक रूप से प्रभावित करती है; और रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों पर अत्यधिक निर्भरता, जिससे मिट्टी का स्वास्थ्य ख़राब होता है।
आक्रामक खेती पद्धतियां: मिट्टी को कमजोर करती हैं और जमीन की संरचना को खराब करती हैं।
क्या है समाधान?
स्थायी भूमि प्रबंधन दृष्टिकोण, जैसे कि संरक्षण कृषि, सटीक उर्वरीकरण विधियां, वनीकरण और प्रदूषण नियंत्रण उपाय, सभी प्रकार की मिट्टी की गुणवत्ता खराब होने से पहले उस पर ध्यान दिया जाना चाहिए, जैसे कि फसल की कटाई के बाद खेत में मौजूद खर-पतवार का बेहतर मैनेजमेंट करके आप ज्यादा रासायनिक उर्वरक के छिड़काव से बच सकते हैं। ये आपके खेत की गुणवत्ता को बेहतर बनाएगा।