महाराष्ट्र: किसानों को 2,215 करोड़ रुपये की मदद का ऐलान, दिवाली से पहले खाते में जमा होंगे रुपये!

मराठवाड़ा में बारिश-बाढ़ से तबाही

महाराष्ट्र के किसानों के लिए राहत की बड़ी खबर है। राज्य सरकार ने फसल नुकसान से प्रभावित किसानों के लिए 2,215 करोड़ रुपये की आर्थिक मदद की घोषणा की है। यह निर्णय 23 सितंबर को हुई कैबिनेट की बैठक में लिया गया।

मदद की रकम प्रदेश के 31.64 लाख किसानों के खातों में जमा होगी। ये वो किसान हैं, जिनकी फसलें बाढ़ से बर्बाद हुई हैं। राहत एवं पुनर्वास विभाग ने इस संबंध में शासन आदेश भी जारी कर दिया है। ये सहायता खरीफ 2025 के लिए दी गई है। बताया जा रहा है कि, ये मदद का पहला चरण है। इसलिए, ये मदद उन किसानों को दी जाएगी जिनकी फसल शुरुआती बारिश में प्रभावित हुई थी। दूसरे चरण में, बाकी किसानों को सहायता दी जाएगी।

इससे पहले प्रदेश के कृषि मंत्री की तरफ से जारी बयान में कहा गया था कि, अगस्त-सितंबर की अतिवृष्टि और बाढ़ से 30 जिलों में 63.58 लाख एकड़ खरीफ फसल का नुकसान हुआ है। पंचनामा की प्रक्रिया अभी जारी है। किसानों को पहले चरण में 73.91 करोड़ रुपए जबकि दूसरे चरण में 553.58 करोड़ रुपए मुआवजे के लिए मंजूर किए गए हैं। राज्य  सरकार किसानों को इस संकट से उबारने के लिए प्रतिबद्ध है।

बाढ़ से कितना नुकसान?
मराठवाड़ा और आसपास के जिलों में लगातार भारी बारिश और बाढ़ से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। 75 मंडलों में अतिवृष्टि दर्ज हुई, 22 गांवों का संपर्क टूट गया और 228 लोग फंसे रहे। अब तक चार लोगों और 76 मवेशियों की मौत हुई है। प्रशासन, सेना और एनडीआरएफ राहत कार्य में जुटे हुए हैं। मौसम विभाग ने आगे भी तेज बारिश का अलर्ट जारी किया है, और कृषि विभाग ने किसानों से सावधानी बरतने की अपील की है।

जनहानि और पशुधन की मौत
बारिश और बाढ़ से मानवीय नुकसान भी हुआ है। नांदेड़ में एक महिला और लातूर में एक किसान की मौत हुई है, जबकि अन्य जगहों पर भी दो लोगों की जान गई। जलगांव जिले में बाढ़ में बहने से एक और किसान की मौत हो गई। कुल मिलाकर अब तक चार लोगों की मौत और 76 मवेशियों की मौत हो चुकी है।

राहत और बचाव कार्य
प्रशासन और बचाव दल लगातार राहत कार्य में जुटे हुए हैं। बीड के शिरापुर गांव से सात लोगों को सुरक्षित निकाला गया। परंडा तालुका में फंसे 27 लोगों को हेलिकॉप्टर से रेस्क्यू किया गया। वागेगांव में 150 से ज्यादा लोग फंसे थे जिन्हें निकाला गया। धाराशिव जिले में भी 200 से ज्यादा लोगों को सेना और एनडीआरएफ ने सुरक्षित बाहर निकाला।

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फसलों को भारी नुकसान
बारिश से कपास, सोयाबीन, तूर और बाजरे की फसलें पूरी तरह डूब गई हैं। किसान जल्दी से जल्दी पंचनामा और मुआवजे की मांग कर रहे थे। रविवार को अकेले विभाग में औसतन 31.6 मिमी बारिश दर्ज की गई, जबकि कई जगहों पर 60 मिमी से ज्यादा वर्षा हुई।

सरकार और प्रशासन की निगरानी
राज्य सरकार और प्रशासन हालात पर लगातार नजर रखे हुए हैं। उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने आपदा प्रबंधन विभाग को राहत कार्य तेजी से करने के निर्देश दिए। अजित पवार और शिंदे दोनों मुंबई से स्थिति की निगरानी कर रहे हैं। कई जिलों में बच्चों की सुरक्षा के लिए स्कूल-कॉलेज बंद कर दिए गए हैं।

मौसम विभाग का अलर्ट
इसी बीच मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि बंगाल की खाड़ी में 24 सितंबर को कम दबाव का क्षेत्र बनेगा जिसका असर 28 सितंबर तक महाराष्ट्र पर दिखेगा। 22 से 25 सितंबर तक राज्य के विभिन्न हिस्सों में गरज-चमक के साथ बारिश होगी। वहीं 26 से 28 सितंबर तक विदर्भ, मराठवाड़ा, खानदेश, कोकण और मध्य महाराष्ट्र में तेज से भारी बारिश की संभावना है।

किसानों के लिए सलाह
कृषि विभाग ने किसानों को सलाह दी है कि वे मौसम को ध्यान में रखते हुए खेती का प्लान करें। कटी हुई उपज को बारिश और तेज हवा से बचाकर सुरक्षित रखें और खेतों में पानी निकासी की व्यवस्था करें ताकि फसलों को और नुकसान न हो।
लगातार बारिश से जहां किसानों की मेहनत पर पानी फिर गया है, वहीं सरकार की मदद और प्रशासन की सक्रियता थोड़ी राहत देने की कोशिश कर रही है। लेकिन आने वाले दिनों के पूर्वानुमान ने किसानों की चिंता और बढ़ा दी है।

महाराष्ट्र से न्यूज पोटली के लिए सिद्धनाथ माने की रिपोर्ट

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Pooja Rai

पूजा राय ने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) से पढ़ाई की है।
Lallantop में Internship करने के बाद NewsPotli के लिए कृषि और ग्रामीण भारत से जुड़ी खबरें लिखती हैं।

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