आईसीएआर-भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (IARI) पूसा, नई दिल्ली ने चने की नई उन्नत किस्म ‘पूसा चना 4037’ को विकसित किया है। चने की इस किस्म की औसत उत्पादन क्षमता 2673 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर एवं अधिकतम उपज क्षमता 3646 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर बतायी गई है। पूसा चना 4037 किस्म को पंजाब, हरियाणा, पश्चिम उत्तर प्रदेश, दिल्ली, उत्तरी राजस्थान, जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के लिए अधिसूचित किया गया है। यह किस्म चने में लगने वाले कई रोगों के लिए प्रतिरोधी होने के चलते कम लागत में ज्यादा पैदावार देगी।
36 क्विंटल प्रति हेक्टेयर की संभावित उपज वाली पूसा चना किस्म को ‘अश्विनी’ के नाम से भी जाना जाएगा। भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (IARI) ने चने की इस किस्म का नाम डॉ. नानावथ अश्विनी के नाम पर रखा है, जिनकी पिछले मानसून सीजन में तेलंगाना-आंध्र प्रदेश में आई बाढ़ में मृत्यु हो गई थी।
इस किस्म में ये रोग नहीं होंगे
पूसा चना 4037(अश्विनी), फ्यूजेरियम विल्ट के प्रति अधिक प्रतिरोधी और ड्राई रूट रॉट, कॉलर रॉट, स्टंट रोग के प्रति मध्यम प्रतिरोधी है। इस किस्म की कटाई मशीनों की मदद से की जा सकती है, जिससे समय की बचत होगी। इस किस्म में उच्च प्रोटीन की मात्रा (24.8 प्रतिशत) पाई गई है।
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