उत्तर प्रदेश सरकार एक अक्टूबर से न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर धान की खरीदी शुरू करेगी। सरकार के शासनादेश के अनुसार पश्चिमी यूपी के जिलों में एक अक्टूबर से और पूर्वी यूपी के जिलों में एक नवंबर से किसानों से सीधे धान खरीद शुरू होगी। खाद्य एवं रसद विभाग ने इस संबंध में समय सारिणी जारी कर दी है।
प्रमुख सचिव, खाद्य एवं रसद आलोक कुमार ने बताया कि ई-टेंडर के जरिए हैंडलिंग ठेकेदारों की नियुक्ति, पश्चिमी यूपी के जिलों में 25 अगस्त तक और पूर्वी यूपी के जिलों में 31 अगस्त तक ट्रांसपोर्टेशन के लिए ठेकेदारों की नियुक्ति कर दी जाएगी। धान और चावल की गुणवत्ता जांच के लिए उपकरणों की व्यवस्था पश्चिमी यूपी के जिलों में 15 सितंबर तक और पूर्वी यूपी के जिलों में 15 अक्टूबर तक कर दी जाएगी।
धान खरीद के लिए क्रय केंद्रों पर कंप्यूटर, लैपटॉप, आईपैड, इंटरनेट व अन्य जरूरी उपकरणों की उपलब्धता पश्चिमी यूपी में 15 सितंबर तक तथा शेष जिलों में 15 अक्टूबर तक पूरी कर ली जाए। क्रय केंद्रों पर बोरों की उपलब्धता, कर्मचारियों की तैनाती, इलेक्ट्रॉनिक तौल कांटे, नमी मापक यंत्र, जनरेटर, बैनर तथा धान व चावल की गुणवत्ता जांचने के लिए उपकरणों की उपलब्धता भी इसी अवधि तक पूरी कर ली जाए।
हालांकि पिछले सीजन में यूपी सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर धान का अपना लक्ष्य पूरा नहीं कर पाई थी। खरीद प्रक्रिया लगभग समाप्त होने के साथ, खाद्य और नागरिक आपूर्ति विभाग से प्राप्त आंकड़ों से पता चलता है कि सरकार ने केवल 52.29 लाख मीट्रिक टन (LMT) धान खरीदा था जो न केवल 70 लाख मीट्रिक टन लक्ष्य का 75% है और हाल के वर्षों में सबसे कम है, बल्कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA) के तहत राज्य की वार्षिक चावल की आवश्यकता से भी कम है।