मनरेगा के जरिए ग्रामीण जल सुरक्षा को बढ़ावा

मनरेगा

केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान और केंद्रीय जल शक्ति मंत्री चंद्रकांत पाटिल ने ‘जल सुरक्षा पर राष्ट्रीय पहल’ का शुभारंभ किया। इसके तहत मनरेगा योजना में जल संकटग्रस्त ब्लॉकों में 65% और अन्य ब्लॉकों में 30-40% राशि जल संरक्षण पर खर्च होगी। यह पहल भू-जल स्तर बढ़ाने, नदियाँ पुनर्जीवित करने और ग्रामीण जल सुरक्षा मजबूत करने के लिए है। इसके अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में “कैच द रेन” और अमृत सरोवर जैसे अभियान भी चलाए जा रहे हैं।

केंद्रीय ग्रामीण विकास एवं कृषि और किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान और केंद्रीय जल शक्ति मंत्री चंद्रकांत रघुनाथ पाटिल ने नई दिल्ली के कृषि भवन से ‘जल सुरक्षा पर राष्ट्रीय पहल’ का शुभारंभ किया। इस अवसर पर केंद्रीय राज्य मंत्री, विभागीय सचिव और देशभर के ग्रामीण ब्लॉकों के प्रतिनिधि व जिलाधिकारी वर्चुअल माध्यम से शामिल हुए।

मनरेगा योजना में जल संरक्षण को मिलेगा बढ़ा हिस्सा
चौहान ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी के मार्गदर्शन में, ग्रामीण विकास मंत्रालय ने जल सुरक्षा को राष्ट्रीय प्राथमिकता बनाया है। इसके तहत देश के जल-संकटग्रस्त ब्लॉकों में जल संरक्षण और संचयन कार्यों को प्राथमिकता देने के लिए मनरेगा अधिनियम में संशोधन किया गया है। अब ‘अति जल संकट ग्रसित’ और ‘गंभीर’ ब्लॉकों में मनरेगा राशि का 65 प्रतिशत जल-संबंधी कार्यों पर खर्च किया जाएगा। ‘अर्ध-गंभीर’ ब्लॉकों में 40 प्रतिशत राशि अनिवार्य रूप से जल संरक्षण कार्यों में लगेगी और जहां जल संकट नहीं है, वहां भी कम से कम 30 प्रतिशत राशि जल-संबंधी कार्यों में खर्च होगी।

जल संरक्षण से होंगे अनेक लाभ
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इससे भू-जल स्तर बढ़ेगा, नदियाँ पुनर्जीवित होंगी और ग्रामीण क्षेत्रों में जल संरक्षण अभियान को गति मिलेगी। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी ने हमेशा जल संरक्षण को प्राथमिकता दी है। गुजरात के मुख्यमंत्री रहते भी उन्होंने जल संरक्षण के लिए कई कार्यक्रम चलाए और अब देश को दिशा दे रहे हैं। प्रधानमंत्री के नेतृत्व में “कैच द रेन”, रेन वॉटर हार्वेस्टिंग और अमृत सरोवर निर्माण जैसे अभियानों के माध्यम से जल संरक्षण को बढ़ावा दिया गया है।

चौहान ने जोर देकर कहा, “पानी ही जीवन है। पानी है तो कल है, आज है। पानी के बिना सब कुछ असंभव है।” जल सुरक्षा पहल से न केवल भावी पीढ़ी बल्कि पशु-पक्षी, पर्यावरण और खेती सभी लाभांवित होंगे। यह कदम केवल तत्काल समाधान नहीं, बल्कि दीर्घकालिक जल प्रबंधन और पूर्व-निवारक उपायों की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

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केंद्रीय जल शक्ति मंत्री ने क्या कहा?
केंद्रीय जल शक्ति मंत्री चंद्रकांत रघुनाथ पाटिल ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी का नेतृत्व दूरदर्शी है। उन्होंने मनरेगा के ₹88,000 करोड़ के बजट में से जल संरक्षण के लिए अलग हिस्से तय किए हैं। डार्क ज़ोन जिलों में 65 प्रतिशत, सेमी-क्रिटिकल जिलों में 40 प्रतिशत और अन्य जिलों में 30 प्रतिशत राशि जल संरक्षण के कार्यों पर खर्च होगी। उन्होंने प्रधानमंत्री और केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री श्री चौहान का इस ऐतिहासिक निर्णय के लिए धन्यवाद किया।

मनरेगा की उपलब्धियाँ
पिछले 11 वर्षों में मनरेगा योजना ने ग्रामीण विकास और जल संरक्षण में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। इस दौरान योजना के माध्यम से लगभग ₹8.4 लाख करोड़ का खर्च किया गया और 3000 करोड़ से अधिक मानव-दिवस रोजगार सृजित किए गए। महिलाओं की भागीदारी 48 प्रतिशत से बढ़कर 2025 में 58 प्रतिशत हो गई। इस योजना के तहत 1.25 करोड़ से अधिक जल संरक्षण परिसंपत्तियाँ (तालाब, चेकडैम, सामुदायिक तालाब) बनाई गई हैं। मिशन अमृत सरोवर के पहले चरण में 68,000 से अधिक जलाशयों का निर्माण या पुनरुद्धार किया गया, जिससे जल संकटग्रस्त ब्लॉकों की संख्या में कमी आई है।

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Pooja Rai

पूजा राय ने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) से पढ़ाई की है।
Lallantop में Internship करने के बाद NewsPotli के लिए कृषि और ग्रामीण भारत से जुड़ी खबरें लिखती हैं।

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