प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना और दलहन आत्मनिर्भरता मिशन की शुरुआत की। इन योजनाओं पर 35,000 करोड़ रुपये खर्च होंगे, जिससे किसानों की आय बढ़ेगी और देश कृषि में आत्मनिर्भर बनेगा।
भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (IARI) में आयोजित एक विशेष कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसानों और देश की आत्मनिर्भरता को मजबूत करने के लिए दो नई योजनाओं की शुरुआत की प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना और दलहन आत्मनिर्भरता मिशन। प्रधानमंत्री ने कहा कि ये योजनाएं देश के किसानों और गरीबों के कल्याण के लिए समर्पित हैं और सरकार इन पर 35,000 करोड़ रुपये से अधिक खर्च करेगी। उन्होंने विश्वास जताया कि ये दोनों योजनाएं भारत के लाखों किसानों का भाग्य बदल देंगी।
‘कृषि भारत की विकास यात्रा का अहम हिस्सा’
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि कृषि और खेती-किसानी भारत की विकास यात्रा का अहम हिस्सा हैं, लेकिन पिछली सरकारों ने इस क्षेत्र को नजरअंदाज किया। उनके पास न दूरदर्शिता थी और न ही किसानों के लिए कोई ठोस नीति। उन्होंने कहा कि 2014 के बाद से सरकार ने बीज से लेकर बाजार तक कई सुधार किए हैं, जिससे कृषि व्यवस्था मजबूत हुई है और किसानों की आय में सुधार हुआ है।
कृषि निर्यात लगभग दोगुना हुआ
अपने 11 साल के कार्यकाल की उपलब्धियां गिनाते हुए पीएम मोदी ने बताया कि इस दौरान भारत का कृषि निर्यात लगभग दोगुना हुआ है। अनाज उत्पादन में 900 लाख मीट्रिक टन की वृद्धि हुई है और फल-सब्जी उत्पादन में 600 लाख मीट्रिक टन का इजाफा हुआ है। आज भारत दुनिया का सबसे बड़ा दूध उत्पादक और दूसरा सबसे बड़ा मछली उत्पादक देश बन गया है। उन्होंने बताया कि शहद और अंडे का उत्पादन भी दोगुना हुआ है, जबकि देश में छह नए उर्वरक कारखाने स्थापित किए गए हैं। किसानों को अब तक 25 करोड़ से ज्यादा मृदा स्वास्थ्य कार्ड दिए गए हैं, जिससे वे अपनी जमीन की उर्वरता के अनुसार फसल उगा पा रहे हैं।
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देश में 10,000 से ज्यादा FPO
मोदी ने कहा कि सूक्ष्म सिंचाई की सुविधा 100 लाख हेक्टेयर तक पहुंच चुकी है, और प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत किसानों को लगभग 2 लाख करोड़ रुपये की सहायता दी गई है। इसके अलावा, देश में 10,000 से ज्यादा किसान उत्पादक संघ (FPO) बनाए गए हैं, जो किसानों को संगठित तरीके से बाजार तक पहुंचने में मदद कर रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने और क्या कहा?
कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्होंने कई किसानों, मछुआरों और कृषि क्षेत्र में काम करने वाली महिलाओं से बातचीत की। उन्होंने कहा कि आज देश की मानसिकता बदल चुकी है। अब लोग सिर्फ उपलब्धियों से संतुष्ट नहीं, बल्कि लगातार सुधार की दिशा में आगे बढ़ना चाहते हैं। प्रधानमंत्री ने कहा, “अगर भारत को विकसित बनाना है, तो हर क्षेत्र में सुधार जरूरी है। प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना इसी सोच का परिणाम है।”
ये देखें –
पूजा राय ने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) से पढ़ाई की है।
Lallantop में Internship करने के बाद NewsPotli के लिए कृषि और ग्रामीण भारत से जुड़ी खबरें लिखती हैं।