प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी “कृषि और ग्रामीण समृद्धि” पर बजट के बाद वेबिनार में शामिल हुए. इस दौरान उन्होंने कहा कि हम सभी मिलकर एक ऐसे भारत के निर्माण में जुटे हैं, जहां किसान समृद्ध हो, किसान सशक्त हो. हमारा प्रयास है कि कोई किसान पीछे न छूटे. हमारा फोकस कम कृषि उत्पादन वाले जिलों के विकास पर केंद्रित है.
उन्होंने कहा कि आज लोगों में पोषण को लेकर काफी जागरूकता बढ़ी है. इसलिए, बागवानी, डेयरी और फिशरी प्रोडक्ट्स की बढ़ती मांग को देखते हुए इन सेक्टर्स में काफी इंवेस्टमेंट किया गया है. फल और सब्जियों का उत्पादन बढ़ाने के लिए अनेक कार्यक्रम चलाये जा रहे हैं. बिहार में मखाना बोर्ड के गठन की घोषणा भी की गई है.
वेबिनार का उद्देश्य इस वर्ष की बजट घोषणाओं के प्रभावी कार्यान्वयन की रणनीति बनाने पर केंद्रित चर्चा के लिए प्रमुख हितधारकों को एक साथ लाना है. कृषि विकास और ग्रामीण समृद्धि पर जोर देने के साथ, सत्र बजट के दृष्टिकोण को कार्रवाई योग्य परिणामों में बदलने के लिए सहयोग को बढ़ावा देगा. वेबिनार में निजी क्षेत्र के विशेषज्ञ, उद्योग प्रतिनिधियों और विषय वस्तु विशेषज्ञ शामिल हुए, ताकि कोशिशों को संरेखित किया जा सके और प्रभावी कार्यान्वयन को बढ़ावा दिया जा सके.
उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ग्रामीण अर्थव्यवस्था को समृद्ध बनाने के लिए प्रतिबद्ध है. पीएम आवास योजना-ग्रामीण के तहत करोड़ों गरीबों को घर दिया जा रहा है. स्वामित्व योजना से संपत्ति मालिकों को ‘Record of Rights’ मिला है.
हमने सेल्फ हेल्प ग्रूप की आर्थिक ताकत बढ़ाई है. हमने 3 करोड़ लखपति दीदी बनाने का लक्ष्य रखा है. हमारे प्रयासों से सवा करोड़ से ज्यादा बहनें लखपति दीदी बन चुकी हैं. पीएम मोदी ने मत्स्य पालन को लेकर भी बयान देते हुए क्षेत्र के एक्सपर्ट्स से इसे सस्टेनेबल बनाने का आह्वान किया. उन्होंने कहा कि हमारा लक्ष्य ग्रामीण अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाना है.
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कहा कि हम दो बड़े लक्ष्यों की ओर एक साथ बढ़ रहे हैं – पहला- कृषि सेक्टर का विकास और दूसरा- हमारे गांवों की समृद्धि. पीएम किसान सम्मान निधि योजना 6 साल पहले लागू की गई थी. इस योजना के तहत लगभग पौने 4 लाख करोड़ रुपए किसानों को मिल चुके हैं. इतनी राशि करीब-करीब 11 करोड़ किसानों के खाते में सीधे पहुंचाई गई है.
पीएम मोदी ने कहा कि हमने एक किसान केंद्रित डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार किया है, ताकि देशभर के किसानों तक इस योजना का लाभ पहुंच सके. आज भारत का कृषि उत्पादन रिकॉर्ड स्तर पर है. 10-11 साल पहले जो कृषि उत्पादन 265 मिलियन टन के करीब था, वो अब बढ़कर 330 मिलियन टन से ज्यादा हो गया है. ये हमारी सरकार के बीज से बाजार तक की अप्रोच का परिणाम है.
पूजा राय ने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) से पढ़ाई की है।
Lallantop में Internship करने के बाद NewsPotli के लिए कृषि और ग्रामीण भारत से जुड़ी खबरें लिखती हैं।