Perforated drainage system लगवा करके खेत में जलभराव से होने वाले नुकसान से बचा जा सकता है।
किसी भी फसल के लिए बीज, खाद के साथ साथ जरूरी है पानी। सही मात्रा में पानी मिलने पर फसल अच्छी होती है पर ज्यादा पानी या भराव हो जाने पर फसल को नुकसान भी हो जाता है। फसल को नुकसान होने पर किसान की जेब पर असर पड़ता है।
खेत में पानी भर जाने पर इंजन लगाकर पानी को खेत से बाहर निकालते हैं पर उसमें भी समय और पैसा लगता है और फसल को नुकसान तो हो ही चुका होता है। जलभराव की इन समस्याओं को एक सिस्टम लगाकर खत्म किया जा सकता हैं।
Perforated drainage system (प्रफोरेटेड ड्रेनेज सिस्टम) को प्वाइंटों में समझते हैं-
- मार्केट में प्रफोरेटेड पाइप के नाम से मिल रही छेंद वाली पाइप को खेत में बिछाया जाता है।
- पाइप के ऊपर कपड़ा लेपेट कर तब पाइप को बिछाया जाता है।
- पाइप पर लगा कपड़ा मिट्टी को पाइप में जाने से रोकता है और पानी कपड़े से रिस कर पाइप में चला जाता है।
- ये प्रफोरेटेड पाइप जाके एक मेन पाइप से जुड़ी होती है।
- इन सभी पाइपों को खेत में 4 फुट नीचे बिछाया जाता है।
- मेन पाइपों को एक टैंक में गिरा दिया जाता है।
- टेंक में गिराए गए मेन पाइपों पर वॉल्व लगा रहता है।
- सिंचाई या कीटनाशक/दवाई छिड़काव के समय टैंक में लगे वॉल्व बंद कर सकते हैं।
- ये पूरा सिस्टम किसी इंजीनियर की देख रेख में लगाया जाना चाहिए।
- बिछाए गए पाइपों की संख्या खेत के क्षेत्रफल के हिसाब से घट बढ़ सकती हैं।
- एक एकड़ सिस्टम लगाने की लागत 1 लाख रूपये तक आ सकती है।
- ये सिस्टम 20 से 25 साल तक काम करता रहता है।