पटना में एपीडा का पहला क्षेत्रीय कार्यालय खुल गया है, जिससे बिहार के किसानों और उद्यमियों को सीधे निर्यात सुविधाएं मिलेंगी। उद्घाटन के मौके पर जीआई-टैग वाले मिथिला मखाना की 7 मीट्रिक टन खेप न्यूजीलैंड, कनाडा और अमेरिका के लिए भेजी गई। यह कदम बिहार को कृषि-निर्यात का हब बनाने और किसानों को वैश्विक बाजार से जोड़ने की दिशा में बड़ा कदम माना जा रहा है।
केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने 11 सितंबर 2025 को पटना में कृषि एवं प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा) के पहले क्षेत्रीय कार्यालय का उद्घाटन किया। यह कदम बिहार को कृषि एवं खाद्य प्रसंस्करण निर्यात के हब में बदलने की दिशा में ऐतिहासिक माना जा रहा है।

मिथिला मखाना की 7 मीट्रिक टन खेप रवाना
कार्यक्रम के दौरान जीआई-टैग वाले मिथिला मखाना की 7 मीट्रिक टन खेप न्यूजीलैंड, कनाडा और अमेरिका के लिए रवाना की गई। इसे दरभंगा की महिला उद्यमी नेहा आर्या ने निर्यात किया, जो बिहार की महिला-प्रधान उद्यमिता और वैश्विक बाजार में राज्य की बढ़ती हिस्सेदारी का उदाहरण है।
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एपीडा का पटना कार्यालय अब किसानों, एफपीओ, एफपीसी और उद्यमियों को सीधे पंजीकरण, प्रमाणन, बाजार जानकारी और निर्यात प्रक्रियाओं में सहायता देगा। अब तक बिहार के निर्यातकों को वाराणसी कार्यालय पर निर्भर रहना पड़ता था।

जीआई-टैग उत्पाद की बढ़ रही है मांग
बिहार के पास शाही लीची, जर्दालू आम, मगही पान और मिथिला मखाना जैसे कई जीआई-टैग उत्पाद हैं, जिनकी वैश्विक मांग लगातार बढ़ रही है। हाल के वर्षों में बिहार से लीची, जर्दालू आम और पारंपरिक तिलकुट जैसे उत्पाद भी विदेशी बाजार तक पहुंचे हैं।
किसानों को वैश्विक अर्थव्यवस्था से जोड़ने का मिशन
पीयूष गोयल ने कहा कि यह पहल केवल प्रशासनिक उपलब्धि नहीं है, बल्कि बिहार के किसानों को वैश्विक अर्थव्यवस्था से जोड़ने का मिशन है। सरकार और एपीडा की कोशिश है कि किसानों, उद्यमियों और महिला-प्रधान व्यवसायों को अंतर्राष्ट्रीय व्यापार में ज्यादा से ज्यादा अवसर मिलें।
ये देखें –
पूजा राय ने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) से पढ़ाई की है।
Lallantop में Internship करने के बाद NewsPotli के लिए कृषि और ग्रामीण भारत से जुड़ी खबरें लिखती हैं।