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पीएम किसान सम्मान निधि की 21वीं किस्त

बाढ़ प्रभावित किसानों को मिली पीएम किसान सम्मान निधि की 21वीं किस्त

केंद्र सरकार ने बाढ़ प्रभावित पंजाब, हिमाचल और उत्तराखंड के किसानों के लिए पीएम किसान सम्मान निधि की 21वीं किस्त जारी की। लगभग 27 लाख किसानों को 540 करोड़ रुपये की राशि सीधे खातों में मिली। कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि यह मदद किसानों को तुरंत राहत देगी और रबी सीजन की तैयारी में सहायक होगी।

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मनरेगा

मनरेगा के जरिए ग्रामीण जल सुरक्षा को बढ़ावा

केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान और केंद्रीय जल शक्ति मंत्री चंद्रकांत पाटिल ने ‘जल सुरक्षा पर राष्ट्रीय पहल’ का शुभारंभ किया। इसके तहत मनरेगा योजना में जल संकटग्रस्त ब्लॉकों में 65% और अन्य ब्लॉकों में 30-40% राशि जल संरक्षण पर खर्च होगी। यह पहल भू-जल स्तर बढ़ाने, नदियाँ पुनर्जीवित करने और ग्रामीण जल सुरक्षा मजबूत करने के लिए है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में “कैच द रेन” और अमृत सरोवर जैसे अभियान भी चलाए जा रहे हैं।

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ISMA

ISMA ने 2025-26 सीजन के लिए चीनी का न्यूनतम बिक्री मूल्य बढ़ाने की मांग की

ISMA ने 2025-26 के लिए चीनी का न्यूनतम बिक्री मूल्य (MSP) 31 से 40.2 रुपये/किलो करने की मांग की है। बढ़ी हुई गन्ने की कीमत और उत्पादन लागत के कारण वर्तमान MSP मिलों के लिए घाटे का कारण बन रहा है। 2025-26 में चीनी उत्पादन 349 लाख टन और निर्यात 20 लाख टन रहने का अनुमान है।

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पंजाब

पंजाब के कपास किसानों की मुश्किलें बढ़ीं, CCI से तुरंत खरीद की मांग

पंजाब के कपास किसानों को CCI की खरीद शुरू न होने से MSP से कम दाम में फसल बेचने की मजबूरी है। कृषि मंत्री गुरमीत सिंह खुड्डियां ने कहा कि केंद्र के वादे खोखले साबित हो रहे हैं। इस साल पंजाब में कपास का क्षेत्रफल 20% बढ़ा है। मंत्री ने CCI से तुरंत मंडियों में खरीद शुरू करने और किसानों का भरोसा बनाए रखने की मांग की है।

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सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने मांगा केंद्र का जवाब, पीली मटर आयात से फसलों पर संकट

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से जवाब मांगा है कि पीली मटर के आयात को रोकना चाहिए या नहीं। किसान संगठन का कहना है कि सस्ती पीली मटर के आयात से तूर, मूंग और उड़द जैसी दालों की फसल प्रभावित हो रही है। वकील प्रशांत भूषण ने बताया कि कई सरकारी रिपोर्टों ने आयात रोकने और देश में दाल उत्पादन बढ़ाने की सलाह दी है। कोर्ट ने बाजार में कमी और स्वास्थ्य प्रभाव पर भी सवाल उठाए हैं।

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महाराष्ट्र में खरीफ फसलों को भारी नुकसान

महाराष्ट्र में खरीफ फसलों को भारी नुकसान, किसानों पर संकट बढ़ा

महाराष्ट्र में लगातार बारिश और बाढ़ के कारण खरीफ फसलों को भारी नुकसान हुआ है। राज्य के 30 जिलों में करीब 70 लाख एकड़ फसलें प्रभावित हुई हैं, सोयाबीन और कपास सबसे ज्यादा प्रभावित हैं। मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस और कृषि मंत्री दत्तात्रय भरने ने किसानों को वित्तीय मदद का आश्वासन दिया है। वहीं, किसान समूहों ने पूरे कर्ज माफ करने और व्यापक राहत पैकेज की मांग की है।

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नई फसल आने तक नहीं होगा फैसला

गेहूं निर्यात पर सरकार सख्त, नई फसल आने तक नहीं होगा फैसला

खाद्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि गेहूं और उससे बने उत्पादों का निर्यात नई फसल आने तक नहीं होगा और प्राथमिकता देश की खाद्य सुरक्षा है। वहीं, रोलर फ्लोर मिलर्स ने आटा, मैदा और सूजी के चरणबद्ध निर्यात की मांग की, साथ ही PDS के लिए पर्याप्त भंडारण और जीएसटी में राहत की अपील की। सरकार ने 2022 में निर्यात पर रोक लगाई थी, जबकि 2024-25 में रिकॉर्ड 1175 लाख टन उत्पादन का अनुमान है।

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क्यों घट रही है यूरिया की आपूर्ति?

किसानों की सबसे बड़ी जरूरत पर संकट: क्यों घट रही है यूरिया की आपूर्ति?

खरीफ सीजन में कई राज्यों में यूरिया की किल्लत है। ज्यादा बारिश से बढ़ा उपयोग, वैश्विक दाम और चीन का निर्यात प्रतिबंध इसकी वजह बने। केंद्र अतिरिक्त आवंटन का दावा कर रहा है, पर राज्यों को कमी महसूस हो रही है। किसान परेशान हैं और नैनो यूरिया को विकल्प मानने पर भी सवाल उठ रहे हैं।

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APEDA

गैर-बासमती चावल निर्यात के लिए APEDA में कॉन्ट्रैक्ट रजिस्ट्रेशन अनिवार्य

सरकार ने गैर-बासमती चावल के निर्यात के लिए नया नियम लागू किया है। अब निर्यात केवल तभी होगा जब कॉन्ट्रैक्ट APEDA में रजिस्टर किया जाए। यह कदम पारदर्शिता और नियंत्रण सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है। इस बीच, अप्रैल-अगस्त 2025 में भारत का चावल निर्यात 6.4% बढ़कर 4.7 अरब डॉलर पर पहुंच गया।

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बिहार

बिहार बना देश का चौथा सबसे बड़ा शहद उत्पादक राज्य

बिहार ने शहद उत्पादन में तेजी दिखाई है और 2023-24 में 18,030 मीट्रिक टन से अधिक उत्पादन कर देश का चौथा सबसे बड़ा शहद उत्पादक राज्य बन गया। इससे हजारों लोगों को रोजगार और बेहतर आजीविका मिली है। लीची, सरसों, महुआ और जामुन की फसलों से उच्च गुणवत्ता वाला शहद तैयार होता है। सरकार की प्रोत्साहन योजनाओं और 75–90% अनुदान से मधुमक्खी पालन में नए किसान भी जुड़ रहे हैं।

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