वित्त मंत्रालय के मुताबिक़ किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) योजना ने 31 दिसंबर, 2024 तक 7.72 करोड़ किसानों को 10 लाख करोड़ रुपये से अधिक का किफायती ऋण प्रदान किया है, जो 2014 में 4.26 लाख करोड़ रुपये था। सरकार किसानों को और अधिक लाभ पहुंचाने के लिए ब्याज छूट और ऋण सीमा बढ़ाने की भी योजना बना रही है। बयान में कहा गया है कि वित्त मंत्री ने बजट भाषण 2025-26 में संशोधित ब्याज छूट योजना के तहत ऋण सीमा को 3 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये करने की घोषणा की, जिससे किसानों को और फायदा होगा।
वित्त मंत्रालय द्वारा जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि 31 दिसंबर, 2024 तक ऑपरेटिव किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) खातों के तहत राशि 10 लाख करोड़ रुपये को पार कर गई है, जिससे 7.72 करोड़ किसानों को लाभ हुआ है। मार्च 2014 में ऑपरेटिव केसीसी राशि 4.26 लाख करोड़ रुपये थी।
वित्त मंत्रालय ने एक बयान में कहा है कि यह कृषि और संबद्ध गतिविधियों के लिए किसानों को दिये जाने वाले किफायती ऋण की मात्रा में उल्लेखनीय वृद्धि का संकेत देता है।
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2019 में KCC का विस्तार
किसान क्रेडिट कार्ड (KCC), एक तरह का डॉक्यूमेंट होता है, जिससे किसान बैंक से किफायती ऋण लेकर अपनी अपनी खेती से संबंधित काम कर सकते हैं। बीज, उर्वरक और कीटनाशक जैसे कृषि इनपुट खरीदने के साथ-साथ किसान फसल उत्पादन और संबद्ध गतिविधियों से संबंधित नकदी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए समय पर और किफायती ऋण ले सकते हैं।
2019 में, पशुपालन, डेयरी और मत्स्य पालन जैसी संबद्ध गतिविधियों की आवश्यकताओं को कवर करने के लिए इस योजना का विस्तार किया गया था।
2 लाख रुपये तक collateral free लोन
सरकार, संशोधित ब्याज अनुदान योजना (एमआईएसएस) के तहत, केसीसी के माध्यम से 3 लाख रुपये तक के अल्पकालिक कृषि ऋण 7 प्रतिशत प्रति वर्ष की रियायती ब्याज दर पर देने के लिए बैंकों को 1.5 प्रतिशत की ब्याज छूट देती है।
समय पर ऋण चुकाने पर किसानों को 3 प्रतिशत का अतिरिक्त प्रोत्साहन दिया जाता है, जो किसानों के लिए ब्याज दर को प्रभावी ढंग से घटाकर 4 प्रतिशत कर देता है। 2 लाख रुपये तक के ऋण कोलैटरल फ्री आधार पर दिए जाते हैं, जिससे छोटे और सीमांत किसानों को फ़ायदा मिलता है।
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