शंभु\खन्नौरी बॉर्डर(पंजाब)। किसान आन्दोलन 2.0 के 25वें दिन अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर पंजाब और हरियाणा के शंभु और खन्नौरी बॉर्डर महिला किसानों ने मोर्चा संभाला। इसके साथ सरकार को किसानों पर अत्याचार ना करने की चेतावनी दी।
शंभु और खिन्नौरी बॉर्डरों पर चल रहे किसान आन्दोलन 2.0 के 25वें दिन दोनो बॉर्डरों पर अंतराष्ट्रीय महिला दिवस मनाया गया। अंतराष्ट्रीय महिला दिवस पर महिला किसान नेता सुखविंदर कौर, समिता कौर मांगट, गुरप्रीत कौर बरार, सुखदेव कौर कलानंगल ने संयुक्त प्रेस वार्ता करके बताया कि आज अंतराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर हजारों की संख्या में पंजाब, हरियाणा से महिला किसान शामिल हुई हैं। देश को याद रखना चाहिए कि किसान कमेरा कौम ने सदा ही कुरबानी देने से परहेज नहीं किया। माता गुजरी, छोटे शहीबजादे, रानी लक्ष्मीबाई की कुरबानी यह साबित करती है की हमेशा से ही महिला शक्ति देश की लिए आगे आती रही है।”
महिला किसान नेताओं ने आगे कहा बॉर्डरों पर भाजपा सरकार द्वारा किसानों पर की जा रही बर्बरता, आसू गैस गोले, ड्रोन द्वारा पंजाब की सीमा में गोलाबारी और किसानों पर सीधा गोली चलाना लोकतंत्र का कत्ल है। सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि वह किसान और महिला किसान को कमजोर ना समझें और किसान कुर्बानी देने से डरते नहीं है। ऐनुअल पीरियोडिक लेबर फोर्स सर्वे 2021~2022 का हवाला देते हुए बताया की भारत में कामकाजी महिलाओं में 62.9% महिलाएं किसानी और खेतीबाड़ी में काम करती है।
उन्होंने पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट की महिलाओं और बच्चों की मोर्चे पर शिरकत पर टिप्पणी पर एक सवाल के जवाब में बताया कि हरियाणा सरकार और कोर्ट को यह पता होना चाहिए कि किसानों के शांतमयी आंदोलनों में हमेशा किसान औरतों ने बराबर हिसेदारी की है और इस बार भी शांतमई आंदोलन में महिला किसान शामिल है जिस पर हरियाणा पुलिस और केंद्री बलों ने जब्बर किया जिसे छुपाने के लिए हरियाणा सरकार ने कोर्ट में गलत तथ्य पेश किए। इतिहास गवाह हैं कि देश की महिलाओं ने सदा ही कंधे से कंधा मिला कर देश के विकास और हित में योगदान दिया है।