“केंद्र सरकार ने एक योजना बनाई है कि अगर आलू, प्याज, टमाटर जैसे उत्पाद, किसान महानगरों में ले जाकर बेचना चाहे तो ट्रांसपोर्टेशन का खर्च राज्य और केंद्र सरकार वहन करेगी. दालों में आत्मनिर्भरता के लिए तुअर, मसूर और उड़द किसान जितना भी पैदा करेगा सरकार उसको MSP पर ख़रीद करेगी. किसानों की भलाई और कल्याण में हम कोई कसर नहीं छोड़ेंगे.” ‘नक्शा’ (NAKSHA) कार्यक्रम के समारोह में बोले केंद्रीय ग्रामीण विकास और कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान.
राष्ट्रीय भू-स्थानिक ज्ञान-आधारित शहरी पर्यावास भू-सर्वेक्षण (National geospatial Knowledge-based land Survey of urban Habitations)-‘नक्शा’ (NAKSHA) कार्यक्रम का आयोजन मध्य प्रदेश के रायसेन (सांची) में हुआ. समारोह में मुख्य अतिथि केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि ‘नक्शा’ कार्यक्रम का उद्देश्य शहरी क्षेत्रों में भूमि रिकॉर्ड बनाना, अपडेट करना है, ताकि भूमि स्वामित्व का सटीक-विश्वसनीय दस्तावेजीकरण सुनिश्चित किया जा सके. ये कदम शहरी नागरिकों को सशक्त बनाकर संपत्ति के निर्धारण प्रणाली में क्रांति लाने वाला है. इस कार्यक्रम का मतलब है आपके घर का परफेक्ट नक्शा.
ये भी पढ़ें – मध्यप्रदेश: किसानों ने क्यों निकाली लहसुन की अर्थी?
शिवराज सिंह ने कहा कि वाटरशेड यात्रा आज पूरे मध्यप्रदेश में प्रारंभ हो रही है. जल जीवन का आधार है, जल और जमीन से ही हमारी जिंदगी है. उन्होंने बताया कि गांव का पानी गांव में और खेत का पानी खेत में रोकने के लिए यह वाटरशेड योजना बनाई गई है.
मिट्टी और पानी जीवन के मूल आधार तत्व हैं और ये दोनों कृषि, पर्यावरण और अर्थव्यवस्था की मजबूती के लिए आवश्यक हैं. भूमि संसाधन विभाग द्वारा प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के वाटरशेड विकास घटक को वर्ष 2021-2026 तक पांच वर्षों की अवधि के लिए 8136 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ लागू किया जा रहा है. इसका उद्देश्य एकीकृत वाटरशेड प्रबंधन के माध्यम से वर्षा सिंचित या अवक्रमित भूमि की उत्पादन क्षमता में सुधार लाना है.
इस योजना से अब तक 11.52 लाख किसानों को लाभ मिल चुका है. वाटरशेड विकास घटक योजना अंतर्गत कई प्रकार की संरचनाओं, जैसे चेक डैम, परकोलेशन टैंक, एनीकट और खेत तालाब का निर्माण किया जा रहा है जो मिट्टी के कटाव को रोकने में मदद करने के साथ साथ जल संचयन, भूजल पुनर्भरण, सतही जल की उपलब्धता और सतत कृषि को भी बढ़ावा देती हैं.
शिवराज सिंह ने उनके मुख्यमंत्रित्व काल में प्रारंभ की गई और देशभर में अत्यंत लोकप्रिय हुई लाडली बहना योजना के बारे में कहा कि मध्य प्रदेश में लाडली बहना योजना जारी रहेगी. उन्होंने कहा कि लेकिन बहनों को केवल लाडली बहना नहीं रहना है, अब लखपति दीदी भी बनना है. तीन करोड़ लखपति दीदी बनाना प्रधानमंत्री मोदी का संकल्प है.
ये भी पढ़ें – यूपी के गन्ना किसानों को योगी सरकार ने दिया झटका, नहीं बढ़ाया गन्ने का दाम
केंद्रीय कृषि मंत्री चौहान ने कहा कि केंद्र सरकार ने एक योजना बनाई है कि अगर आलू, प्याज, टमाटर जैसे उत्पाद, किसान महानगरों में ले जाकर बेचना चाहे तो ट्रांसपोर्टेशन का खर्च राज्य और केंद्र सरकार वहन करेगी. उन्होंने कहा कि तुअर, मसूर और उड़द जितनी भी पैदा होगी, पूरी की पूरी एमएसपी पर खरीदी जाएगी. किसानों की भलाई और कल्याण में हम कोई कसर नहीं छोड़ेंगे. शिवराज सिंह ने कहा कि हर गरीब को पक्का आवास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संकल्प है. मध्यप्रदेश के गरीबों के लिए भारत सरकार का खजाना खुला है, हम गरीबों के कल्याण के लिए कोई कसर नहीं छोड़ेंगे.
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि आज केंद्र सरकार के पायलट कार्यक्रम National Geospatial Knowledge-based Land Survey of Urban Habitations (NAKSHA) सिटी सर्वे प्रोग्राम के राष्ट्रीय शुभारंभ में रायसेन से सहभागिता की तथा प्रादेशिक स्तर पर कार्यक्रम का दीप-प्रज्ज्वलन कर शुभारंभ किया। साथ ही ‘जल-संवर्धन एवं जल-संरक्षण’ के संदेश के साथ वाटरशेड यात्रा को हरी झंडी भी दिखाई। ‘नक्शा’ शहरी नियोजन को बढ़ाने, शहरी क्षेत्रों में भूमि संबंधी विवादों को कम करने, भूमि स्वामित्व का सटीक दस्तावेजीकरण सुनिश्चित करने एवं संपत्ति रिकॉर्ड प्रशासन के लिए आईटी आधारित प्रणाली पारदर्शिता को बनाए रखने के साथ ही नागरिकों को सशक्त एवं उनके जीवन को आसान बनाने के हमारे ध्येय की पूर्ति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। कार्यक्रम में नक्शा की ‘मानक संचालक प्रक्रिया पुस्तिका’ का विमोचन एवं नक्शा कार्यक्रम पर वीडियो व फ्लायर भी जारी किया।
ये देखें –