ICAR-DRMR, भरतपुर ने सरसों की नई किस्म ‘BPM-11’ विकसित की है, जो देर से बोई जाने वाली सिंचित भूमि में भी 18.59 क्विंटल प्रति हेक्टेयर की उपज देती है।यह किस्म 123 दिन में पकती है, इसमें 37.8% तेल होता है और यह White rust, Alternaria blight, Downy mildew जैसी बीमारियों से सुरक्षित रहती है।
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) के रेपसीड-मस्टर्ड अनुसंधान निदेशालय (DRMR) ने सरसों की एक नई और उन्नत किस्म ‘BPM-11’ विकसित की है, जो खासकर देर से बोई जाने वाली सिंचित परिस्थितियों में भी बेहतरीन पैदावार देने में सक्षम है।राजस्थान जैसे राज्यों में, जहां सरसों की खेती बड़े पैमाने पर होती है, यह नई किस्म किसानों के लिए आर्थिक रूप से लाभदायक और क्रांतिकारी साबित हो सकती है।
देर से बुवाई करने वाले किसानों के लिए वरदान
अक्सर धान या अन्य फसलों की कटाई में देरी होने से रबी फसलों की बुवाई देर से होती है। ऐसे हालात में किसान उपज घटने की चिंता करते हैं।BPM-11 किस्म इस समस्या का समाधान है। यह देर से बोने पर भी 18.59 क्विंटल प्रति हेक्टेयर की उपज देती है।
किस्म की मुख्य विशेषताएं
- पकने की अवधि: 123 दिन
- औसत उपज: 18.59 क्विंटल/हेक्टेयर
- तेल की मात्रा: 37.8%
- रोग प्रतिरोधकता: White rust, Alternaria leaf blight, Downy mildew और Powdery mildew जैसी बीमारियों के प्रति सहनशील।
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किन राज्यों के लिए उपयुक्त
यह किस्म राजस्थान, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, उत्तराखंड और बिहार के किसानों के लिए अनुशंसित की गई है।विशेषज्ञों के अनुसार, यह देर से बोई जाने वाली सिंचित भूमि के लिए सबसे उपयुक्त है, जहां सामान्य किस्में उतनी उपज नहीं दे पातीं।
वैज्ञानिकों की राय
ICAR-DRMR के वैज्ञानिकों का कहना है कि BPM-11 न सिर्फ रोगों के प्रति अधिक प्रतिरोधक है, बल्कि इसमें तेल की मात्रा भी अधिक है।इससे किसानों को जहां फसल की सुरक्षा में मदद मिलेगी, वहीं तेल उद्योग को भी उच्च गुणवत्ता वाला उत्पादन मिलेगा।आपको बता दें कि भारत में सरसों की खेती का रकबा लगभग 60 लाख हेक्टेयर से अधिक है।कृषि विशेषज्ञों का मानना है कि BPM-11 जैसी नई किस्में किसानों की आय बढ़ाने के साथ देश के तेल आत्मनिर्भरता मिशन को भी मज़बूती देंगी।
ICAR-DRMR के अनुसार, इस किस्म को कई राज्य स्तरीय कृषि विश्वविद्यालयों में परीक्षण के बाद खेती के लिए सिफारिश की गई है।
ये देखें –
पूजा राय ने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) से पढ़ाई की है।
Lallantop में Internship करने के बाद NewsPotli के लिए कृषि और ग्रामीण भारत से जुड़ी खबरें लिखती हैं।