नीति आयोग ने दालों में आत्मनिर्भरता के लिए रोडमैप जारी किया है। इसके तहत 1,000 करोड़ रुपये के दाल मिशन से उत्पादन बढ़ाने, बेहतर बीज, MSP, भंडारण और बाज़ार की सुविधा दी जाएगी। धान की खाली ज़मीन पर दाल बोकर उत्पादन 20 मिलियन टन तक बढ़ाया जा सकता है। इससे आयात पर निर्भरता घटेगी और 2030 तक बढ़ती मांग पूरी होगी।
नीति आयोग ने भारत को दालों (Pulses) के मामले में आत्मनिर्भर बनाने के लिए एक नई योजना जारी की है। आयोग का कहना है कि दाल उत्पादन बढ़ाना देश की खाद्य सुरक्षा और मिट्टी की सेहत दोनों के लिए जरूरी है।
क्या है योजना?
- धान के खेतों में से खाली पड़ी जमीन का एक-तिहाई हिस्सा दाल की खेती के लिए इस्तेमाल होगा। इससे करीब 2.85 MT अतिरिक्त उत्पादन संभव है।
- किसानों को बेहतर बीज, मूल्य सहायता और बाज़ार तक पहुंच मिलेगी।
- किसान उत्पादक संगठन (FPOs) को मजबूत किया जाएगा।
- दालों को सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) यानी राशन व्यवस्था में शामिल किया जाएगा, ताकि गरीब परिवारों तक सस्ती दाल पहुँचे।
दाल और पोषण
रिपोर्ट में कहा गया है कि दालें केवल आत्मनिर्भरता का साधन नहीं हैं, बल्कि कुपोषण और भूख मिटाने में भी अहम भूमिका निभाती हैं। खासकर महिलाओं और बच्चों में पोषण की कमी को दूर करने के लिए दालें जरूरी हैं। यह पूरी योजना भारत को दालों में आत्मनिर्भर बनाने के साथ-साथ किसानों की आय बढ़ाने और लोगों को सस्ती व पौष्टिक आहार उपलब्ध कराने की दिशा में बड़ा कदम मानी जा रही है।
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दाल मिशन की शुरुआत
सरकार ने बजट 2025-26 में पल्स मिशन की घोषणा की थी। यह 6 साल की योजना है, जिसमें 1,000 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। इसका लक्ष्य है–
- दालों का उत्पादन बढ़ाना, खासकर तुअर, उड़द और मसूर की।
- किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) का भरोसा देना।
- फसल कटाई के बाद भंडारण और प्रोसेसिंग की सुविधा देना।
- जलवायु-रोधी (climate resilient) बीजों का प्रचार करना।
बढ़ेगा उत्पादन, घटेगा आयात
नीति आयोग की रिपोर्ट का अनुमान है कि अगर यह रणनीति सही से लागू हुई तो भारत का दाल उत्पादन 20.10 मिलियन टन (MT) तक बढ़ सकता है।अभी भारत हर साल करीब 6.5 MT दालें आयात करता है।भविष्य में 2030 तक दालों की मांग 15.74 MT तक और बढ़ सकती है।लेकिन अगर योजना सफल रही तो भारत न केवल आयात पर निर्भरता कम करेगा बल्कि पूरी तरह आत्मनिर्भर हो जाएगा।
ये देखें –
पूजा राय ने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) से पढ़ाई की है।
Lallantop में Internship करने के बाद NewsPotli के लिए कृषि और ग्रामीण भारत से जुड़ी खबरें लिखती हैं।