भारत में जून महीने में सामान्य से 11% बारिश (Monsoon Rainfall) कम हुई है। इस दौरान देशभर में लगभग 165.3 मिमी बारिश होनी चाहिए थी जबकि हुई 147.2 मिमी। उत्तर पश्चिम भारत में 33% बारिश कम हुई जबकि मध्य भारत में 14%, पूर्वी और पूर्वोत्तर भारत में 13% कम बारिश हुई। वहीं दक्षिण प्रायद्वीप भारत में बारिश सामान्य से 14% ज़्यादा हुई। देश का लगभग 50% हिस्सा सूखाग्रस्त है। अब सभी की निगाहें भारतीय मौसम विभाग (IMD) के जुलाई के पूर्वानुमान पर टिकी हैं। सरकार को उम्मीद है कि 2024-25 फसल वर्ष (जुलाई-जून) के दौरान 340.40 मिलियन टन (एमटी) खाद्यान्न का रिकॉर्ड उत्पादन होगा। सरकार का ये अनुमान आईएमडी के सामान्य से अधिक पूर्वानुमान पर आधारित है।
आईएमडी के आंकड़ों के अनुसार देश में 1-30 जून के दौरान 147.2 मिमी बारिश हुई जो महीने के लिए 165.3 मिमी के दीर्घावधि औसत (एलपीए) का 89 प्रतिशत है। देश के आधे भौगोलिक क्षेत्र को कवर करने वाले 17 राज्य और केंद्र शासित प्रदेश या तो कम या बहुत कम बारिश वाले हैं। दूसरी ओर 19 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में जून में सामान्य या उससे अधिक बारिश हुई है।
मौसम विभाग ने बारिश (Monsoon Rainfall) का पूर्वानुमान सामान्य से कम किया
पिछले महीने आईएमडी ने मानसून की प्रगति कई दिनों तक ठप रहने के बाद जून में बारिश के अपने पूर्वानुमान को सामान्य से संशोधित कर सामान्य से कम कर दिया था। एलपीए के 92 प्रतिशत से 108 प्रतिशत के बीच बारिश को सामान्य की श्रेणी में रखा जाता है।
जिन राज्यों में सामान्य या उससे अधिक बारिश हुई है, उनमें असम, पश्चिम बंगाल, राजस्थान, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, तमिलनाडु, कर्नाटक, अरुणाचल प्रदेश, मेघालय, त्रिपुरा, सिक्किम, गोवा, दिल्ली, लद्दाख, अंडमान और निकोबार द्वीप, पुडुचेरी और लक्षद्वीप शामिल हैं।
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दूसरी ओर, बिहार, उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, ओडिशा और छत्तीसगढ़ जैसे प्रमुख चावल उत्पादक राज्यों में कम बारिश हुई है। अन्य राज्य जहां सामान्य से कम बारिश हुई है, वे हैं गुजरात, केरल, झारखंड, उत्तराखंड, नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम, हिमाचल प्रदेश और जम्मू और कश्मीर।
विभिन्न क्षेत्रों की बात करें तो दक्षिण प्रायद्वीप में 183.9 मिमी बारिश के साथ 14 प्रतिशत अधिक बारिश हुई है। मध्य भारत में सामान्य से 14 प्रतिशत कम 147 मिमी बारिश हुई है। उत्तर पश्चिम में औसत से 33 प्रतिशत कम 52.6 मिमी बारिश हुई है और पूर्व और उत्तर-पूर्व क्षेत्र में औसत से 13 प्रतिशत कम 284.9 मिमी बारिश हुई है।
पिछले साल जून में मानसून में 8.5 प्रतिशत की कमी थी। लेकिन जुलाई में 12.6 प्रतिशत अधिक बारिश हुई थी। हालांकि, अगस्त में रिकॉर्ड 36 प्रतिशत कम बारिश ने कर्नाटक, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में कई फसलों की पैदावार को कम कर दिया। सरकार ने खरीफ सीजन के लिए खाद्यान्न (चावल, गेहूं, दालें और मोटे अनाज) का लक्ष्य 159.97 मिलियन टन, रबी सीजन के लिए 164 मिलियन टन और जायद (ग्रीष्म) सीजन के लिए 16.43 मिलियन टन निर्धारित किया है।