1 फरवरी से शुरू होगा ‘मेरी पॉलिसी मेरे हाथ’ किसानों को कैसे मिलेगा फायदा?

1 फरवरी 2025 से फसल बीमा पॉलिसी ‘मेरी पॉलिसी मेरे हाथ’ अभियान की शुरुआत होने जा रही है। इसके तहत किसानों को फसल बीमा पॉलिसी वितरित की जाएगी।

1 फरवरी 2025 से फसल बीमा पॉलिसी ‘मेरी पॉलिसी मेरे हाथ’ अभियान की शुरुआत होने जा रही है। इसके तहत किसानों को फसल बीमा पॉलिसी वितरित की जाएगी। सरकार ने इसके लिए 14447 हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया है। इस पर कॉल करके किसान और ज्यादा जानकारी ले सकते हं। साथ ही किसान सरकार की वेबसाइट

https://pmfby.gov.in पर जा कर भी पूरी जानकारी ले सकते हैं। किसान व्हाट्सऐप चैटबॉट नंबर 7065514447 पर मैसेज भेज कर भी पा सकते हैं। आपको बता दें केंद्र सरकार ने साल 2022 में इस योजना की शुरुआत की थी। इस मकसद किसानों को सशक्त बनाना और उन्हें प्रौद्योगिकी, वित्त और विपणन तक पहुंच प्रदान करके कृषि को बढ़ावा देना है। इस योजना में किसानों को बहुत कम खर्च में फसल नुकसान का क्लेम यानी कि मुआवजा मिलता है।

क्या है अभियान का मकसकद?

‘मेरी पॉलिसी मेरे हाथ’ अभियान प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का हिस्सा है। इस मकसद गांव के किसानों को अपनी फसल का बीमा कराने के लिए प्रेरित करना है। इस कार्यक्रम के तहत प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) के तहत बीमा लेने वाले हर किसान को पॉलिसी के दस्तावेज उनके घर पर मिलेंगे।

सरकार की तरफ से मिलता है बीमा

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 18 फरवरी 2016 को की थी। इस योजना के तहत फसलों का बीमा होता है. इसमें फसलों का सूखा, आंधी-तूफ़ान, बेमौसम बारिश, बाढ़, ओलावृष्टि, कीट संक्रमण, चक्रवात जैसे दुश्वारियों से बीमा सुरक्षा दी जाती है। किसानों की फसलों को प्राकृतिक आपदाओं से नुकसान की स्थिति में किफायती दर पर सरकार की ओर से बीमा मिलता है।

फसल की बुवाई से लेकर कटाई के बाद तक पूरे फसल चक्र से जुडी गतिविधियों के दौरान फसल के नुकसान के पर एक तरह से सुरक्षा मिलती है। इसके अलावा किसान किसी भी नुकसान के 72 घंटे के भीतर फसल बीमा ऐप या करीबी कृषि अधिकारी के माध्यम से फसल नुकसान की रिपोर्ट कर सकते हैं।

क्या होगा किसानों को फायदा?

मेरी पॉलिसी मेरा हाथ योजना के अंतर्गत किसानों को फसल की बीमा का पूरा दस्तावेज दिया जाता है। इससे पहले उनके पास बीमा के लिए कोई ठोस प्रमाण नहीं होता था। सिर्फ एक पावती दी जाती थी, जिसके माध्यम से किसानों को अपनी फसलों की नुकसान को क्लेम करने में कई तरह की समस्या का सामना करना पड़ता था। इस योजना के किसान अपनी फसल बीमा संबंधी सभी दस्तावेज आसानी से प्राप्त कर सकेंगे।  जिसके बाद मौसम या आपदाओं की वजह से खराब हुई फसल के मुआवजे की मांग करने में आसानी होगी।

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