सरकार का लक्ष्य है कि बागवानी क्षेत्र को मजबूत बनाया जाए, किसानों को ज्यादा फायदा मिले, उत्पाद बर्बाद न हों और तकनीक के इस्तेमाल से खेती को अधिक लाभदायक बनाया जाए।
केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में नई दिल्ली में राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड (NHB) की 33वीं बैठक आयोजित हुई। इस बैठक में कृषि राज्य मंत्री रामनाथ ठाकुर और कृषि विभाग के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे।
योजनाएं समय पर और किसान-केंद्रित हों
बैठक में मंत्री शिवराज सिंह ने कहा कि सभी योजनाओं का क्रियान्वयन समय पर और पारदर्शी तरीके से होना चाहिए, ताकि किसानों को सब्सिडी सही समय पर मिले और किसी तरह की शिकायत न आए। उन्होंने साफ कहा कि छोटे किसानों को ज्यादा से ज्यादा लाभ मिलना चाहिए ताकि उनकी आय बढ़ सके।
बागवानी उत्पाद जल्दी खराब न हों, इसके लिए रणनीति
मंत्री ने बताया कि कई बागवानी उत्पाद जल्दी खराब हो जाते हैं, जिससे किसानों को नुकसान होता है। इसलिए अब ऐसी रणनीति बनाई जाएगी जिससे इन उत्पादों की शेल्फ लाइफ यानी टिकाऊ क्षमता बढ़ाई जा सके। इसके लिए कोल्ड-चेन, स्टोरेज और टेक्नोलॉजी पर फोकस किया जाएगा। साथ ही उन्होंने NHB को किसानों के लिए अवेयरनेस प्रोग्राम चलाने के निर्देश दिए।
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क्लस्टर मॉडल और नई तकनीक पर जोर
बैठक में कई योजनाओं की समीक्षा हुई, जिनमें वाणिज्यिक बागवानी विकास योजना, कोल्ड-चेन इंफ्रास्ट्रक्चर, क्लस्टर डेवलपमेंट प्रोग्राम (CDP) और क्लीन प्लांट प्रोग्राम, जिससे किसान को बीमारियों से मुक्त पौध सामग्री मिले जैसी योजनाएँ शामिल हैं।मंत्री ने कहा कि इससे उत्पादकता, गुणवत्ता और बाजार से जुड़ाव बढ़ेगा।
तकनीकी पुस्तकों का विमोचन
इस मौके पर शिवराज सिंह ने जैविक खेती, उन्नत तकनीक और गुड एग्रीकल्चर प्रैक्टिस पर आधारित किताबों का भी विमोचन किया। ये किताबें किसानों और कृषि उद्यमियों के लिए उपयोगी साबित होंगी। मंत्री ने कहा कि NHB को राज्यवार रोडमैप बनाकर काम करना चाहिए ताकि किसान बेहतर बाजार, कोल्ड चेन नेटवर्क और मूल्य संवर्धन सुविधाओं से जुड़ सकें।
ये देखें –
पूजा राय ने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) से पढ़ाई की है।
Lallantop में Internship करने के बाद NewsPotli के लिए कृषि और ग्रामीण भारत से जुड़ी खबरें लिखती हैं।