महाराष्ट्र सरकार ने ‘कृषि समृद्धि’ योजना शुरू की है। इसका उद्देश्य किसानों को सशक्त बनाना और टिकाऊ खेती को बढ़ावा देना है। कृषि विभाग इसे 25,000 करोड़ रुपये की लागत के साथ पाँच वर्षों में लागू करेगा। कृषि मंत्री माणिकराव कोकाटे ने इसे किसानों के लिए एक तोहफ़ा बताया। यह योजना पूँजी निवेश, बुनियादी ढाँचे में सुधार और उत्पादकता बढ़ाने पर केंद्रित है।
महाराष्ट्र सरकार ने मंगलवार को किसानों को सशक्त बनाने और जलवायु-अनुकूल, टिकाऊ और लागत-प्रभावी कृषि पद्धतियों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से एक नई योजना की घोषणा की।’कृषि समृद्धि’ योजना को कृषि विभाग द्वारा अगले पाँच वर्षों में 25,000 करोड़ रुपये के संचयी परिव्यय के साथ क्रियान्वित किया जाएगा।
कृषि मंत्री ने क्या कहा?
राज्य के कृषि मंत्री माणिकराव कोकाटे ने इस योजना को मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और उपमुख्यमंत्री अजित पवार के जन्मदिन के अवसर पर किसानों के लिए एक विशेष उपहार बताया है।
कोकाटे ने मीडिया से कहा कि किसान ग्रामीण अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं। ‘कृषि समृद्धि’ योजना कृषि क्षेत्र में पूंजी निवेश को बढ़ावा देने, बुनियादी ढांचे में सुधार, लागत कम करने और उत्पादकता बढ़ाने के लिए बनाई गई है।उन्होंने कहा कि कैबिनेट ने इस योजना को मंजूरी दे दी है और बजटीय प्रावधान कर दिया गया है।
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योजना का मुख्य उद्देश्य
इस योजना के प्रमुख घटकों में आधुनिक बुनियादी ढाँचे के लिए पूंजी निवेश, फसल विविधीकरण, मूल्य श्रृंखला को मज़बूत बनाना और जलवायु परिस्थितियों के अनुकूल कृषि तकनीकों को बढ़ावा देना शामिल है।
कोकाटे ने कहा कि इसका लक्ष्य केवल उपज बढ़ाना नहीं है, बल्कि हमारे किसान भाइयों और बहनों के लिए दीर्घकालिक समृद्धि सुनिश्चित करना है। यह योजना उनके जीवन में वास्तविक बदलाव लाने में मदद करेगी।उन्होंने कहा कि इस योजना का उद्देश्य वित्तीय सहायता प्रदान करके टिकाऊ कृषि पद्धतियों को प्रोत्साहित करना भी है।
ये देखें –
पूजा राय ने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) से पढ़ाई की है।
Lallantop में Internship करने के बाद NewsPotli के लिए कृषि और ग्रामीण भारत से जुड़ी खबरें लिखती हैं।