फडणवीस सरकार का वादा, जून 2026 तक किसानों का कर्ज होगा माफ

महाराष्ट्र में किसानों के कर्ज माफी की तैयारी

महाराष्ट्र सरकार ने किसानों के कर्ज माफ़ी के लिए प्रवीण परदेशी की अध्यक्षता में समिति बनाई है। यह समिति अप्रैल 2026 तक रिपोर्ट देगी और जून तक कर्ज माफ़ी लागू की जाएगी। सरकार पर आर्थिक बोझ के बावजूद किसानों को राहत देने का वादा किया गया है।

महाराष्ट्र सरकार ने किसानों के कर्ज माफ़ी को लेकर एक बड़ी घोषणा की है। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने बताया कि राज्य में किसानों का कर्ज माफ करने के लिए MITRA के सीईओ प्रवीण परदेशी की अध्यक्षता में एक समिति बनाई गई है। यह समिति किसानों के लिए कर्ज माफ़ी की शर्तें तय करेगी और यह भी देखेगी कि किसान बार-बार कर्ज के जाल में न फँसें।

रिपोर्ट अप्रैल तक, कर्ज माफ़ी जून 2026 तक
मुख्यमंत्री ने कहा कि समिति अपनी रिपोर्ट अप्रैल 2026 के पहले हफ्ते में सौंपेगी। इसके बाद 30 जून 2026 तक राज्य सरकार किसानों के लिए कर्ज माफ़ी योजना लागू करेगी। फडणवीस ने कहा कि यह कदम चुनावी घोषणा पत्र के वादे को पूरा करने की दिशा में है।

किसानों से हुई बातचीत, राहत का भरोसा
नागपुर में किसानों के आंदोलन और ट्रैक्टर मार्च के बाद सीएम फडणवीस ने किसान नेताओं बच्छू कडू और अन्य संगठनों से बैठक की। उन्होंने बताया कि अभी तत्काल कर्ज माफ़ी संभव नहीं है, लेकिन सरकार किसानों के खातों में सीधे आर्थिक मदद भेज रही है। 90% किसानों को अगले 15-20 दिनों में पैसा मिल जाएगा, बाकी को भी जल्द सहायता दी जाएगी।

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राज्य पर आर्थिक दबाव, फिर भी राहत जारी
फडणवीस ने माना कि महाराष्ट्र की वित्तीय स्थिति चुनौतीपूर्ण है। राज्य का कर्ज 9.32 लाख करोड़ रुपये तक पहुँचने का अनुमान है, जबकि “लाड़ली बहन योजना” जैसी स्कीमें भी वित्तीय बोझ बढ़ा रही हैं। फिर भी, उन्होंने कहा कि सरकार किसानों की मदद जारी रखेगी।

कर्ज जाल से किसानों को निकालना बड़ी चुनौती
सरकार की रिपोर्ट में कहा गया है कि किसानों की बदहाली की बड़ी वजह असमय बारिश, बाढ़, सूखा और ओलावृष्टि है। इससे फसलें बर्बाद होने पर किसान कर्ज नहीं चुका पाते और नए लोन नहीं मिलते।
2017 से अब तक कई बार कर्ज माफ़ी की जा चुकी है, फिर भी किसान संकट से बाहर नहीं निकल पाए हैं। इसलिए अब यह समिति किसानों की आय बढ़ाने और स्थायी समाधान पर काम करेगी।

कमेटी में विशेषज्ञ भी होंगे शामिल
यह 9 सदस्यीय समिति ज़रूरत पड़ने पर अन्य विभागों और विशेषज्ञों को भी शामिल कर सकती है ताकि एक बेहतर और व्यावहारिक समाधान निकाला जा सके।

ये देखें –

Pooja Rai

पूजा राय ने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) से पढ़ाई की है।
Lallantop में Internship करने के बाद NewsPotli के लिए कृषि और ग्रामीण भारत से जुड़ी खबरें लिखती हैं।

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