मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने प्रदेश में दूध उत्पादन बढ़ाने और 2030 तक 26 हजार गांवों तक डेयरी नेटवर्क विस्तार करने की योजना का ऐलान किया. उन्होंने दुग्ध संघों की गतिविधियों की समीक्षा कर गौशाला प्रबंधन, गौ संरक्षण-संवर्धन, दुग्ध उत्पादों की ब्रांडिंग आदि को लेकर राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड की विशेषज्ञता का भरपूर लाभ लेने का निर्देश भी दिया। इसके अलावा सीएम ने आधुनिक प्रोसेसिंग, नेशनल लेवल पर ब्रांडिंग और वेटनरी प्रशिक्षण की बात भी कही.
मध्यप्रदेश में दूध उत्पादन और आधुनिक प्रोसेसिंग के क्षेत्र में तेजी से काम हो रहा है. इसमें और तेज़ी लाने के लिए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने मंगलवार को प्रदेश में दूध उत्पादन बढ़ाने के साथ-साथ दूध से बने उत्पादों की क्वालिटी और ब्रांडिंग पर भी फोकस करने की बात कही. सीएम ने जानकारी दी कि राज्य सरकार ने वर्ष 2030 तक और 26 हजार गांवों को डेयरी नेटवर्क से जोड़ने का लक्ष्य तय किया है, इससे 52 लाख किलोग्राम दूध कलेक्ट होगा.
राष्ट्रीय स्तर पर होगी ब्रांडिंग
सीएम ने कहा कि बढ़े हुए दूध कलेक्शन का सही से इस्तेमाल करने के लिए आधुनिक मिल्क प्रोसेसिंग इंफ्रास्ट्रक्चर बनाई जाएगी और प्रदेश में तैयार होने वाले दूध उत्पादों की राष्ट्रीय स्तर पर ब्रांडिंग पर भी जोर दिया जाएगा. उन्होंने यह भी कहा कि सभी विश्वविद्यालयों में वेटनरी के कोर्स संचालित किए जाएंगे, ताकि पशुपालन और डेयरी क्षेत्र में प्रशिक्षित मानव संसाधन उपलब्ध हो सकें. डॉ. यादव ने नगरीय निकायों की बड़ी गो-शालाओं की प्रगति और प्रबंधन में NDDB से मदद लेने की जरूरत भी बताई.
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मोबाइल ऐप के ज़रिए दूध की शुद्धता की होगी जाँच
सीएम ने बताया कि इस क्षेत्र में डिजिटाइजेशन पर भी काम तेजी से चल रहा है. इंदौर दूध संघ ने मोबाइल ऐप के जरिए दूध की मात्रा, क्वालिटी और मूल्य की जानकारी तुरंत उपलब्ध कराने की सुविधा शुरू की है. वहीं, भोपाल में दूध संघ ने शहरी उपभोक्ताओं के लिए ‘दूध का दूध-पानी का पानी’ अभियान शुरू किया है. साथ ही, ‘सांची भात योजना’ के तहत दुग्ध संघ अपने सदस्यों की बेटियों के विवाह के अवसर पर 11 हजार रुपये, वस्त्र और भात प्रदान करेगा. उज्जैन दूध संघ पशुधन स्वास्थ्य सुधार के लिए विशेष सब्सिडी दे रहा है.
समान उत्पाद बनाने के लिए SOP अपनाना जरूरी
उन्होंने कहा कि प्रदेश के सभी दूध संघों में समान उत्पाद बनाने के लिए स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर अपनाना जरूरी है. साथ ही, दूध उत्पादकों को दूध का मूल्य नियमित और समय पर मिलने की निगरानी भी सुनिश्चित की जाएगी. जिन क्षेत्रों में दुग्ध संघों की पहुंच सीमित है, वहां निजी दुग्ध व्यवसायियों को नवीनतम तकनीक और प्रशिक्षण उपलब्ध कराकर व्यवसाय को सशक्त बनाया जाएगा.
इससे पहले सीएम मोहन यादव मध्य प्रदेश को 2028 तक मिल्क कैपिटल बनाने की बात कही थी. मंगलवार को हुई बैठक में मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव नीरज मंडलोई, प्रमुख सचिव पशुपालन और डेयरी विकास उमाकांत उमराव, NDDB चेयरमैन डॉ. मीनेष शाह और वेटनरी कॉउंसिल ऑफ इंडिया के अध्यक्ष डॉ. उमेश शर्मा सहित अधिकारी मौजूद थे.
ये देखें-
पूजा राय ने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) से पढ़ाई की है।
Lallantop में Internship करने के बाद NewsPotli के लिए कृषि और ग्रामीण भारत से जुड़ी खबरें लिखती हैं।