मध्य प्रदेश सरकार पानी की कमी को देखते हुए उसे बचाने के कई प्रयास कर रही है. पानी की खपत सबसे ज्यादा खेती किसानी में होती है. इसे देखते हुए राज्य सरकार ने पारंपरिक सिंचाई तकनीकों के बजाय स्प्रिंकलर और ड्रिप सिस्टम जैसे कई तकनीकों को बढ़ावा दे रही है. इसके खरीद के लिये किसानों को सब्सिडी दे रही है. ये आधुनिक सिस्टम 70 परसेंट तक पानी बचा सकते हैं, जिससे सीमित जल संसाधनों के साथ भी बड़े क्षेत्रों की सिंचाई करना संभव हो जाता है.
मध्य प्रदेश सरकार अलग-अलग सिंचाई सिस्टमों जैसे स्प्रिंकलर सेट, ड्रिप सिस्टम, पंप सेट (डीजल/इलेक्ट्रिक), पाइपलाइन सेट और रेन गन सिस्टम पर सब्सिडी दे रही है. किसान की श्रेणी और भूमि जोत के आधार पर, सब्सिडी 40 से 55 परसेंट तक दी जा रही है. इस स्कीम का उद्देश्य पूरे राज्य में सिंचाई में सुधार करना, पानी की बर्बादी को कम करना और किसानों को बेहतर पैदावार और टिकाऊ खेती के तरीकों को हासिल करने में मदद करना है.
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कितनी मिलेगी सब्सिडी?
एक रिपोर्ट के अनुसार मध्य प्रदेश में ड्रिप और स्प्रिंकलर सिंचाई के लिए 6 करोड़ रुपए से ज़्यादा की सब्सिडी दी गई है. इसमें सरकार किसानों को सिंचाई प्रणाली खरीदने के लिए 55 प्रतिशत तक सब्सिडी देती है. इसके अलावा सरकार खेती से जुड़े दूसरे उपकरणों पर भी सब्सिडी दे रही है.
स्प्रिंकलर सेट (इकाई लागत 19600/हेक्टेयर)-सभी वर्ग के लघु/सीमांत/अन्य किसानों के लिए इकाई लागत का 80 प्रतिशत या अधिकतम रु. 12000 रुपये
ड्रिप सिस्टम (इकाई लागत 80000/हेक्टेयर)-सभी वर्ग के लघु/सीमांत/अन्य किसानों के लिए इकाई लागत का 80 प्रतिशत या अधिकतम रु. 40000 रुपये
मोबाइल रेनगन (इकाई लागत 31600/हेक्टेयर)-सभी वर्ग के लघु/सीमांत/अन्य किसानों के लिए इकाई लागत का 80 प्रतिशत या अधिकतम रु. 15000 रुपये
ये देखें –
पूजा राय ने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) से पढ़ाई की है।
Lallantop में Internship करने के बाद NewsPotli के लिए कृषि और ग्रामीण भारत से जुड़ी खबरें लिखती हैं।