हर क्षेत्र में तकनीक का इस्तेमाल तेज़ी से बढ़ रहा है. खेती में भी. इस समय कृषि क्षेत्र में ड्रोन का इस्तेमाल काफ़ी चर्चा में है. केंद्र सरकार भी इसको बढ़ावा देने के लिए ‘ड्रोन दीदी’ योजना चला रही है. सरकार का दावा है कि इससे खेती में लागत तो कम होती ही है साथ ही उत्पादन में वृद्धि भी होती है. इतना ही नहीं ड्रोन दीदी योजना के तहत सरकार ग्रामीण महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त भी बना रही है.
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में कैबिनेट बैठक में महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए मध्यप्रदेश ड्रोन संवर्धन एवं उपयोग नीति-2025 को मंजूरी दी गी है. इस नीति को कृषि क्षेत्र में नई दिशा में क्रांतिकारी पहल बताया जा रहा है. राज्य सरकार के अनुसार ड्रोन तकनीक के इस्तेमाल से खेतों की सटीक स्थिति का मूल्यांकन हो सकेगा. इससे किसानों की लागत और समय में कटौती होगी तो वहीं फसल उत्पादन में बढ़ोत्तरी होने की बात कही गई है. ड्रोन के जरिए फसलों में कीटनाशक, उर्वरकों के छिड़काव के साथ ही मैपिंग और डायरेक्ट सीडिंग भी की जा रही है.
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ड्रोन के फायदे
मध्य प्रदेश कृषि विभाग के मुताबिक़ ड्रोन संवर्धन एवं उपयोग नीति -2025 को मंजूरी मिलने से फसलों में बीमारी, कीट और पर्यावरणीय प्रभावों की पहचान करने में तेजी आएगी. रोग पहचान होने पर समाधान भी जल्दी होगी, जिससे उपज की क्वालिटी और क्वांटिटी पर फर्क नहीं पड़ेगा. इसके अलावा पानी का कुशल उपयोग, जल संरक्षण में वृद्धि और सिंचाई लागत में कमी आएगी
ये देखें –
पूजा राय ने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) से पढ़ाई की है।
Lallantop में Internship करने के बाद NewsPotli के लिए कृषि और ग्रामीण भारत से जुड़ी खबरें लिखती हैं।