खरीफ सीजन 2025: बुवाई में मक्का की बढ़त, धान और तेलहन प्रभावित

खरीफ सीजन 2025

इस साल मॉनसून जल्दी शुरू होने के बावजूद खरीफ फसलों की बुवाई में मिश्रित परिणाम रहे। मक्का और मोटे अनाज की बुवाई बढ़ी, जबकि धान, दालें, तेलहन और कपास के क्षेत्र में या तो स्थिरता रही या कमी दर्ज हुई। कुल मिलाकर, किसानों ने मक्का और टिकाऊ फसलों पर ज्यादा भरोसा किया।

इस साल खरीफ फसलें शुरू में अच्छी लग रही थीं क्योंकि मॉनसून जल्दी (केरल में सामान्य से एक हफ्ता पहले) आया और बीज बोने का काम समय पर शुरू हुआ। लेकिन जैसे-जैसे मौसम आगे बढ़ा, किसानों की उम्मीदें कम होती गईं। अब केवल मक्का की फसल में खास बढ़ोतरी दर्ज की गई है 10.65 लाख हेक्टेयर, जो पिछले साल से 12.6% ज्यादा है।
धान की बुवाई लगभग बंद हो गई है। पिछले पंद्रह दिनों में केवल 25,000 हेक्टेयर क्षेत्र में ही बुवाई हुई, जबकि पिछले साल इसी समय यह 11.4 लाख हेक्टेयर थी।

कुल खरीफ बुवाई के आंकड़े
कृषि मंत्रालय के ताजा आंकड़ों के अनुसार, कुल खरीफ बुवाई इस साल 1,115.86 लाख हेक्टेयर तक पहुंच गई, जबकि पिछले साल यह 1,100.42 लाख हेक्टेयर थी।
धान (मुख्य अनाज) – 438.51 लाख हेक्टेयर, जो पिछले साल 430.06 लाख हेक्टेयर से 2% ज्यादा है।
दालें – 119.29 लाख हेक्टेयर, पिछले साल 118.4 लाख हेक्टेयर।
उड़द की बुवाई 6.6% बढ़कर 24.07 लाख हेक्टेयर।
मूंग की बुवाई थोड़ी घटकर 34.79 लाख हेक्टेयर।
अरहर की बुवाई 46.10 लाख हेक्टेयर, पिछले साल 46.34 लाख हेक्टेयर।

मक्का और मोटे अनाज में रिकॉर्ड बुवाई
मक्का की बुवाई रिकॉर्ड स्तर पर पहुंची। 94.95 लाख हेक्टेयर बनाम 84.30 लाख हेक्टेयर पिछले साल। इस वजह से अन्य फसलों की बुवाई पर असर पड़ा, क्योंकि किसान बेहतर कीमत और मौसम की अनुकूलता के कारण मक्का को प्राथमिकता दे रहे हैं।
ज्वार – 14.07 लाख हेक्टेयर
बाजरा – 68.44 लाख हेक्टेयर
रागी – 11.21 लाख हेक्टेयर
कुल मोटे/पोषक अनाज – 194.01 लाख हेक्टेयर, पिछले साल 181.59 लाख हेक्टेयर

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तेलहन और कपास की बुवाई में कमी
तेलहन का क्षेत्र 189.51 लाख हेक्टेयर रह गया, जो पिछले साल 194.67 लाख हेक्टेयर था।
सोयाबीन – 120.44 लाख हेक्टेयर, 4.6% कम
मूँगफली – 48.14 लाख हेक्टेयर, थोड़ा बढ़ा
सूरजमुखी – 0.70 लाख हेक्टेयर, पिछले साल 0.72 लाख हेक्टेयर

कपास की बुवाई में कमी
वहीं इस साल कपास की बुवाई 2.5% घटकर 109.9 लाख हेक्टेयर रही, जबकि गन्ना और जूट की बुवाई पूरी हो चुकी है, जिसमें गन्ने का क्षेत्रफल 59.07 लाख हेक्टेयर और जूट 5.56 लाख हेक्टेयर दर्ज किया गया।
सब मिला के इस साल किसानों ने मक्का और कुछ मोटे/पोषक अनाज पर ज्यादा ध्यान दिया। धान की बुवाई लगभग पूरी हो चुकी है। तेलहन और कपास की बुवाई कम रही। मौसम और बाजार की परिस्थितियों ने किसानों के बुवाई फैसलों को प्रभावित किया।

ये देखें –

Pooja Rai

पूजा राय ने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) से पढ़ाई की है।
Lallantop में Internship करने के बाद NewsPotli के लिए कृषि और ग्रामीण भारत से जुड़ी खबरें लिखती हैं।

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