इस खरीफ सीजन में धान की बुवाई पिछले साल के 325.36 लाख हेक्टेयर की तुलना में 12 प्रतिशत बढ़कर 364.80 लाख हेक्टेयर हो गई है। सभी खरीफ फसलों का कुल बुवाई क्षेत्र भी बढ़कर 995.63 लाख हेक्टेयर हो गया है। दलहन, मोटे अनाज और गन्ने की बुवाई में वृद्धि देखी गई, जबकि तिलहन और कपास के रकबे में कमी आई है।
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, इस खरीफ सीजन में अब तक धान की बुवाई 12 प्रतिशत बढ़कर 364.80 लाख हेक्टेयर हो चुकी है।खरीफ (ग्रीष्मकालीन) मौसम की मुख्य फसल धान की बुवाई पिछले वर्ष इसी अवधि में 325.36 लाख हेक्टेयर में हुई थी।
कृषि विभाग ने 8 अगस्त, 2025 तक खरीफ फसलों के अंतर्गत रकबे की प्रगति जारी की है। जिसके मुताबिक सभी खरीफ फसलों का कुल बुवाई क्षेत्र एक साल पहले के 957.15 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 995.63 लाख हेक्टेयर हो गया।
मोटे अनाज का रकबा बढ़ा
दलहनों का रकबा मामूली रूप से बढ़कर 106.52 लाख हेक्टेयर से 106.68 लाख हेक्टेयर हो गया, जबकि मोटे अनाजों का बुवाई क्षेत्र 170.96 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 178.73 लाख हेक्टेयर हो गया।
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कपास और तिलहन का रकबा घटा
गैर-खाद्यान्न श्रेणी में, तिलहन का रकबा 182.43 लाख हेक्टेयर से घटकर 175.61 लाख हेक्टेयर रह गया।वहीं कपास का रकबा 110.49 लाख हेक्टेयर से घटकर 106.96 लाख हेक्टेयर रह गया।
गन्ने की बुवाई में थोड़ी वृद्धि
हालाँकि, गन्ने की बुवाई अब तक 57.31 लाख हेक्टेयर में हुई है, जो पिछले वर्ष की समान अवधि के 55.68 लाख हेक्टेयर से थोड़ी अधिक है।
ये देखें –
पूजा राय ने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) से पढ़ाई की है।
Lallantop में Internship करने के बाद NewsPotli के लिए कृषि और ग्रामीण भारत से जुड़ी खबरें लिखती हैं।