ISMA ने 2025-26 के लिए चीनी का न्यूनतम बिक्री मूल्य (MSP) 31 से 40.2 रुपये/किलो करने की मांग की है। बढ़ी हुई गन्ने की कीमत और उत्पादन लागत के कारण वर्तमान MSP मिलों के लिए घाटे का कारण बन रहा है। 2025-26 में चीनी उत्पादन 349 लाख टन और निर्यात 20 लाख टन रहने का अनुमान है।
इंडियन शुगर एंड बायो-एनर्जी मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन (ISMA) ने सरकार से चीनी का न्यूनतम बिक्री मूल्य (MSP) 31 रुपये/किलो से बढ़ाकर कम से कम 40.2 रुपये/किलो करने की मांग की है। ISMA के अनुसार, गन्ने की कीमतें बढ़ने और उत्पादन लागत बढ़ने के कारण वर्तमान MSP मिलों के लिए घाटे का सौदा बन गया है।
MSP बढ़ाने की जरूरत क्यों?
गन्ने का न्यूनतम समर्थन मूल्य (FRP) 2018-19 से अब तक 29% बढ़कर 355 रुपये/क्विंटल हो गया है, लेकिन चीनी का MSP अब भी 31 रुपये/किलो पर स्थिर है। ISMA का कहना है कि इस हालात में मिलों की वित्तीय स्थिति कमजोर हो सकती है और किसानों को समय पर भुगतान करना मुश्किल हो जाएगा।
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ISMA की सिफारिशें
- गन्ने के FRP और चीनी के MSP के बीच स्वचालित लिंकिंग मैकेनिज्म बनाया जाए, ताकि लागत बढ़ने पर MSP भी बढ़ सके।
- इससे किसानों की आय सुरक्षित रहेगी और मिलों का संचालन सुचारू रहेगा।
उत्पादन और निर्यात का अनुमान
ISMA के अनुसार 2025-26 सीजन में चीनी उत्पादन लगभग 349 लाख टन रहने की संभावना है, जबकि चीनी निर्यात 20 लाख टन तक पहुंच सकता है। किसानों का कहना है कि जब मिलों की कमाई एथनॉल से बढ़ रही है, तो इसका फायदा गन्ना किसानों तक भी पहुँचना चाहिए।
ये देखें –
पूजा राय ने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) से पढ़ाई की है।
Lallantop में Internship करने के बाद NewsPotli के लिए कृषि और ग्रामीण भारत से जुड़ी खबरें लिखती हैं।