किसान कीटनाशक के बजाय आईपीएम में करें इन्वेस्ट, लागत में आएगी कमी

फसल में कीट-पंतगों के अटैक से फसल बर्बाद हो रही, उसे रोकने के लिए किसान बाजार से तरह तरह के कीटनाशक का छिड़काव करता रहता हैं। इन सब से किसान की लागत में भी बढ़ोत्तरी आ रही है। किसान कीटनाशक के बजाय IPM पर इन्वेस्ट करे तो अपनी लागत में कमी ला सकता है।

आज कल गन्ने में टॉप बोरर और मक्के की फसल में फॉल आर्मी वॉर्म कीट का खतरा है, इसके अलावा फल सब्जी करने वाले किसान भी कीट पंतगों के अटैक से परेशान रहते हैं। इस समस्या से बचने के लिए वो तरह तरह के कीटनाशक का उपयोग करते हैं, जिससे फसल विषैली हो जाती है, और समय के साथ ही वो कीट भी ऐसे रासायनिक दवाओं के लिए प्रतिऱोधी बन जाते हैं, ये क्रम ऐसे ही चलता रहता है। किसान को न चाहकर भी ऐसे कीटनाशक का सहारा लेना पड़ता है, पर ऐसे साधन भी हैं जो इन कीट-पंतगों से छुटकारा दिला सकते हैं।

IPM Integrated Pest Management ऐसा ही एक व्यवस्था है जिसमें फैरोमोन ट्रैप, सोलर लाइट ट्रैप, लाइट ट्रैप, फ्रूट फ्लाई ट्रैप टूल्स आते हैं। कुछ इन टूल्स को देसी जुगाड़ से भी बनाते हैं।

इनमें मादा कीट का ल्यूर लगा होता है शाम के समय प्रजनन के लिए आए नर कीट ल्यूर की गंध से आकर्षित होते हैं और जाल में फस के मर जाते हैं। इस व्यवस्था से फसल भी बर्बाद नहीं होती और कीटनाशक का भी पैसा बच जाता है।

आईपीएम के टूल्स

लाइट ट्रैप

खेत में रात में लाइट ट्रैप जलाने से फसल को बर्बाद करने वाले कीट-पतंगें लाइट की तरफ भागते हैं लाइट के पास लगे हुड से कीड़े टकराकर नीचे रखे पानी के टब में गिर जाते हैं और उसी में रह जाते हैं। लाइट ट्रैप की ये व्यवस्था फसल को बचाने में कारगर है। वैज्ञानिक और कृषि अधिकारियों के मुताबिक सिर्फ लाइट ट्रैप से 60 से 80 प्रतिशत तक इस समस्या से निजात मिल सकता है। ये लाइट ट्रैप किसान बाजार से भी ले सकते हैं और खुद भी घर में बना सकते हैं।

फ्रूट फ्लाई ट्रैप

आईपीएम टूल्स की ये व्यवस्था सब्जी या फल में ढंक मारने वाले कीड़ो से फसल को बचा सकती है। ये कीड़े फल-सब्जी पर ढंक मार देते है जिससे वो फल वहीं से सड़ने लगता है सड़ा हुआ फल ऐसी और फल मक्खियों को स्वागत करता है। एक फल मक्खी अपने जीवन काल में 40 से 200 तक फल बर्बाद कर सकती है।

फल मक्खी को रोकने के लिए यांत्रिक व्यवस्था फ्रूट फ्लाई ट्रैप खेत में लगा सकते हैं। इस ट्रैप में मादा मक्खी का ल्यूर लगा होता है, शाम के समय प्रजनन के लिए निकले नर मक्खी इस ल्यूर से आकर्षित होकर ट्रैप में फस जाते हैं।

फैरोमोन ट्रैप

ये भी एक ल्यूर युक्त एक जाल होता है, इस ल्यूर में मादा कीट की गंध होती है जिससे नर कीट गंध को पहचान कर प्रजनन के लिए जाल में प्रवेश कर लेतेत हैं और बाहर नहीं निकल पाते हैं। प्रति एकड़ फेरोमौन ट्रैप की संख्या 6 से 8 होनी चाहिए जिससे कीट-पतंगें ज्यादा से ज्यादा फस सके।

नीली पीली स्टिकी स्टिक

नीली पीली स्टिकी स्टिक फसल से 2 फुट रखने पर खेत में फसल के ऊपर मंडरा रहे कीट चिपक जाते हैं। खेत में कितने संख्या में कीट हैं ये जानकारी ये नीली पीली स्टिकि स्टिक बता देते हैं। प्रति एकड़ 6 से 8 की संख्या में लगाने से थिम्स कीट की रोकथाम की जा सकती है।

खेती में इन तरीकों को अपनाने से फसल में लगने वाली लागत में कमी लायी जा सकती है, कीटनाशक का उपयोग कम किया जा सकता है। ये खेती को विषमुक्त बनाने की दिशा में बेहतर कदम है और लोगो को भी विषमुक्त फसल मिल पाएगी।

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