एक एकड़ जमीन में साल भर में दस बारह फसलों की खेती, लागत कम से कम आए इसके लिए ज्यादातर ख़ुद से बनायी हुई जुगाड़ू चीजों का इस्तेमाल, गौ मूत्र से बना पेस्टिसाइड्स का प्रयोग, सब्जियों की अगेती खेती, सब्जियों की तुड़ाई तड़के 3 बजे करना और फिर दूसरों के अपेक्षा कमाई ज़्यादा करना. यही सब बातें इंद्रजीत को दूसरे किसानों से अलग करती है.

जुगाड़ू तरीके से मचान बनाकर करते हैं मल्टीलेयर फार्मिंग
इंद्रजीत मौर्य उत्तर प्रदेश के सीतापुर जिले के मल्लपुर गांव के रहने वाले हैं. वो अपनी खेती में लागत कम करने के लिए हैंड मेड पॉलीहाउस, मल्चिंग, जुगाड़ू तरीके से मचान बनाकर मल्टीलेयर फार्मिंग करते हैं.

पानी की बचत के लिए लगाया है ड्रिप इरिगेशन
धान, गेहूं, गन्ना जैसी बहुत ज़्यादा पानी की ज़रूरत वाली फसलें उगाने के बजाय वे साल भर सब्ज़ियाँ उगाते हैं. उसमें भी उन्होंने ड्रिप इरिगेशन सिस्टम लगाया हुआ है. इतना ही नहीं, खर्च बचाने के लिए वे खुद ही गोमूत्र से कीटनाशक बनाकर इस्तेमाल करते हैं.

सुबह 3 बजे करते हैं खीरे जैसी फसल की तुड़ाई
दूसरे किसानों के मुकाबले उन्हें अपनी सब्जियों का बाजार में बेहतर दाम मिलता है क्योंकि वे एक दिन पहले तुड़ाई करने के बजाय सुबह 3 बजे खीरे जैसी फसल की तुड़ाई करते हैं और सुबह 6-7 बजे तक उसे बाजार में पहुंचा देते हैं. ऐसे में उनकी उपज दूसरों के मुकाबले ज्यादा ताजा रहती है, इसलिए उन्हें अच्छी कीमत मिल जाती है.

अगर आप भी कम जमीन वाले किसान हैं तो कम लागत में खेती से कमाई का ये तरीका जरूर देखें- –
पूजा राय ने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) से पढ़ाई की है।
Lallantop में Internship करने के बाद NewsPotli के लिए कृषि और ग्रामीण भारत से जुड़ी खबरें लिखती हैं।