भारत के ताजे फलों का निर्यात साल-दर-साल 29 प्रतिशत बढ़ा, अकेले अनार में 20 प्रतिशत की वृद्धि

APEDA

भारत के कृषि निर्यात के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि के रूप में कृषि और प्रसंस्‍करण खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा) ने एग्रोस्टार और के बी एक्सपोर्ट्स के साथ मिलकर समुद्र के रास्ते ऑस्ट्रेलिया को प्रीमियम सांगोला और भगवा अनार की भारत की पहली वाणिज्यिक परीक्षण शिपमेंट सफलतापूर्वक पूरी की। यह भारतीय ताजा उपज के लिहाज से बाजार पहुंच का विस्तार करने में एक बड़ी सफलता है। एपीडा के मुताबिक़ भारत के कृषि निर्यात में तेज़ी आयी है, जिसमें ताजे फलों का निर्यात साल-दर-साल 29 प्रतिशत बढ़ रहा है। अकेले अनार में 20 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई है, जो इस सेगमेंट की अपार संभावनाओं को दर्शाता है।

ऑस्ट्रेलिया को भारतीय अनार के निर्यात के लिए बाज़ार पहुंच प्राप्त करने के बाद फरवरी 2024 में ऑस्ट्रेलिया को अनार के निर्यात के लिए एक कार्ययोजना और मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) पर हस्ताक्षर किए गए। एपीडा और राष्ट्रीय पौध संरक्षण संगठन (एनपीपीओ) द्वारा सफल बाज़ार पहुँच सुविधा के बाद जुलाई 2024 में पहली हवाई खेप भेजी गई। हवाई खेप ने बाज़ार की मांग का आकलन करने में मदद की, जिसके कारण लागत दक्षता को अनुकूलित करने के लिए समुद्री खेप भेजी गई।

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महाराष्ट्र के सोलापुर के अनार
पहली समुद्री माल ढुलाई शिपमेंट 6 दिसंबर, 2024 को भारत से रवाना हुई और 13 जनवरी, 2025 को सिडनी पहुंची, जिसमें महाराष्ट्र के सोलापुर क्षेत्र से प्राप्त 5.7 मीट्रिक टन (एमटी) अनार थे, जिन्हें 1,900 बक्से में पैक किया गया था, प्रत्येक में 3 किलोग्राम प्रीमियम फल थे। भगवा किस्म के 1,872 बक्से (6.56 टन) ले जाने वाला एक और वाणिज्यिक समुद्री शिपमेंट 6 जनवरी, 2025 को ऑस्ट्रेलिया के ब्रिस्बेन पहुंचा। थोक समुद्री शिपमेंट के उपयोग ने प्रतिस्पर्धी मूल्य निर्धारण सुनिश्चित किया, जिससे किसानों को लाभ हुआ और स्थायी व्यापार के अवसर पैदा हुए।

ऑस्ट्रेलिया में अनार की माँग
अनार के आगमन पर सिडनी, ब्रिसबेन और मेलबर्न में अत्यधिक सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली। मजबूत मांग के कारण पहले से ही अतिरिक्त शिपमेंट के लिए तत्काल अनुरोध किए गए, जो भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच लाभदायक और टिकाऊ व्यापार संबंधों की बढ़ती संभावना को दर्शाता है। शिपमेंट का समय ऑस्ट्रेलिया के गैर-उत्पादन सीजन के साथ रणनीतिक रूप से संरेखित किया गया था, जिससे भारतीय निर्यातकों के लिए बाजार के अवसरों को अधिकतम किया जा सके।

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अकेले अनार में 20 प्रतिशत की वृद्धि
एपीडा के अध्यक्ष श्री अभिषेक देव ने इस बात पर जोर दिया कि “भारत का कृषि निर्यात परिदृश्य अभूतपूर्व गति से बढ़ रहा है, जिसमें ताजे फलों का निर्यात साल-दर-साल 29 प्रतिशत बढ़ रहा है। अकेले अनार में 20 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई है, जो इस सेगमेंट की अपार संभावनाओं को दर्शाता है। ऑस्ट्रेलिया को प्रीमियम अनार की सफल शिपमेंट भारत की समझदार अंतरराष्ट्रीय बाजारों में उच्च गुणवत्ता वाली ताजा उपज की आपूर्ति करने की क्षमता को दर्शाती है।

किसानों के लिए अच्छी खबर
श्री अभिषेक देव ने भारतीय किसानों के लिए बाज़ार तक पहुंच सुनिश्चित करने और उसे सुविधाजनक बनाने में एपीडा की भूमिका पर भी ज़ोर दिया और कहा- “हम नए और उभरते बाज़ारों में विस्तार करके भारतीय किसानों और कृषि-उद्यमियों का समर्थन करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। यह सफलता की कहानी भविष्य में और अधिक सहयोग और निर्यात मात्रा में वृद्धि का मार्ग प्रशस्त करती है।”

सितंबर में शुरू होने वाले अगले निर्यात सत्र के साथ एग्रोस्टार के आईएनआई फार्म्स, के बी एक्सपोर्ट्स और अन्य प्रमुख खिलाड़ी इस सफलता को आगे बढ़ाने के लिए तैयार हैं, जिससे ऑस्ट्रेलिया को भारतीय अनार की निरंतर आपूर्ति सुनिश्चित होगी। यह विकास कृषि निर्यात में ग्‍लोबल लीडर के रूप में भारत की स्थिति की पुष्टि करता है और ऑस्ट्रेलिया के साथ द्विपक्षीय व्यापार संबंधों को मजबूत करता है।

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क्या है एपीडा?
एपीडा भारत सरकार के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के अंतर्गत एक वैधानिक निकाय है जो कृषि और प्रसंस्‍करण खाद्य निर्यात को सुविधाजनक बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। एपीडा भारतीय किसानों और कृषि-व्यवसायों को बाजार विकास, बुनियादी ढांचे के विस्तार और एएनएआरएनईटी जैसी ट्रेसेबिलिटी प्रणालियों के माध्यम से निर्यात संवर्धन को बढ़ावा देकर उसका समर्थन करता है। ताजे फल, सब्जियां, बासमती चावल और प्रसंस्‍करण खाद्य पदार्थों सहित भारत के कृषि निर्यात में लगातार मजबूत वृद्धि देखी जा रही है, जिससे वैश्विक कृषि-व्यापार क्षेत्र में देश की स्थिति मजबूत हुई है।

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Pooja Rai

पूजा राय ने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) से पढ़ाई की है।
Lallantop में Internship करने के बाद NewsPotli के लिए कृषि और ग्रामीण भारत से जुड़ी खबरें लिखती हैं।

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