प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना देश के किसानों के लिए वरदान बन रही है और आज यह बीमा आवेदनों के मामले में सबसे बड़ी फसल बीमा योजना है. दुनिया की सबसे बड़ी फसल बीमा योजना के तहत गैर-ऋणी किसानों से 5 करोड़ से अधिक आवेदन मिले हैं और 1 लाख 72 हजार करोड़ रुपये किसानों के खातों में हस्तांतरित किए गए हैं. ये बातें केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सदन में प्रश्नकाल के दौरान कृषि से जुड़े सवालों के जवाब देते हुए कहा. उन्होंने बताया कि आज भारत नारियल उत्पादन में दुनिया में नंबर 1 स्थान पर पहुंच गया है और आंध्र प्रदेश ने नारियल उत्पादन में नए कीर्तिमान स्थापित किए हैं. आईसीएआर ने नारियल और ताड़ के पेड़ों को प्रभावित करने वाली विभिन्न बीमारियों पर लगातार शोध करने का प्रयास किया है और उनसे निपटने के लिए कई उपाय किए हैं.
नारियल उत्पादन में भारत नंबर वन
भारत नारियल उत्पादन में दुनिया में नंबर एक है. आंध्रप्रदेश में नारियल के उत्पादन को बढ़ाने की अपार संभावनाएं हैं. इसलिए आंध्रप्रदेश में उत्पादन बढ़ाने और क्षेत्र के विस्तार के लिए अनेक प्रयास शुरू किए गए हैं. नारियल में आने वाली अलग-अलग प्रकार की बीमारियों से निपटने के लिए ICAR ने अनेक उपाय किए हैं. कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने संसद में कहा कि नई फसलें विकसित करने के साथ ही सहायता राशि भी उपलब्ध कराई गई है. पीएम फसल बीमा योजना किसानों के लिए वरदान है.
उन्होंने कहा कि किसानों की आय बढ़ाना केंद्र सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है. केंद्र सरकार कृषि एवं किसान कल्याण के लिए संकल्पित है और लगातार इस क्षेत्र में काम कर रही है. उन्होंने कहा कि आज नारियन उत्पादन में हमारा देश नंबर एक पर पहुंचा है. वर्ष 2014-15 के दौरान नारियल उत्पादन 140 लाख मीट्रिक टन था, जो अब बढ़कर 153.29 लाख मीट्रिक टन हो गया है. विश्व में हमारी उत्पादकता सबसे अधिक है. आंध्रप्रदेश में भी उत्पादकता 11 मीट्रिक टन है.
फसल बीमा योजना पर क्या बोले?
केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना देश के किसानों के लिए वरदान बनकर आई है, आज यह बीमा आवेदनों के मामले में दुनिया की सबसे बड़ी फसल बीमा योजना है. कृषि राज्य का विषय है और ये योजना स्वैच्छिक है, इसलिए योजना को चुनना राज्य की इच्छा पर निर्भर करता है. 23 राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों ने इस योजना का चयन किया है, लेकिन कुछ राज्य या केंद्र शासित प्रदेश अपने यहां की योजना भी चलाते हैं. गैर ऋणी किसानों के भी 5 करोड़ से ज्यादा आवेदन आए हैं, जिनमें 35,000 करोड़ रुपये के किसान प्रीमियम पर 1.72 लाख करोड़ रुपये किसानों के खाते में भेजे गए हैं.
बिहार की 20 बाजार समितियों को e-NAM प्लेटफॉर्म के साथ जोड़ा गया
केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि भारत सरकार ने e-NAM प्लेटफार्म में मंडियों को जोड़ने का लगातार कोशिश की है. 23 राज्यों और 4 केंद्र शासित प्रदेशों की 1410 मंडियों को e-NAM प्लेटफार्म से जोड़ा गया है. हमने छोटे किसानों को कवर करने का पूरा प्रयास किया है. राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों की सरकारों को ई-नाम के संचालन और स्थानीय जरूरत को पूरा करने के लिए फंड दिया जा रहा है. किसानों को अपने उत्पाद कहीं और न ले जाना पड़े, वो मंडी में ही e-NAM प्लेटफॉर्म के साथ व्यापार कर सकें इसके लिए बिहार की 20 बाजार समितियों को e-NAM प्लेटफॉर्म के साथ जोड़ा गया है.
ICAR बीमारियों पर कर रही है शोध
कृषि मंत्री ने कहा कि पिछले 10 वर्षों में आंध्रप्रदेश में कुल नारियल क्षेत्र का विस्तार 12,391 हेक्टेयर किया गया है, जिससे 12,406 किसान लाभान्वित हुए हैं. भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद् (ICAR) ने भी लगातार प्रयत्न किए हैं कि जो अलग-अलग प्रकार की बीमारी नारियल के पामट्री के पर आती है, उस पर शोध किया जाएं और शोध करने के बाद उनसे निपटने के लिए अनेक उपाय किए गए हैं. कर्नाटक व केरल में कीटों और बीमारियों की समस्या के लिए किसानों को 50.56 करोड़ रुपए की सहायता प्रदान की गई है. केरल हो, कर्नाटक या तमिलनाडु, जब ऐसी बीमारियां आती हैं तो हम लगातार प्रयत्न करते हैं कि बीमारियों का नियंत्रण भी किया जाएं और किसानों को सहायता भी दी जाएं.
ये देखें –