वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने भौगोलिक संकेतक, GI रजिस्ट्रेशन वाले उत्पादों की संख्या को साल 2030 तक 605 से बढ़ाकर 10,000 तक करने का लक्ष्य रखा है. GI products किसी खास भौगोलिक क्षेत्र में पैदा होने वाले कृषि, प्राकृतिक या बनाये हुए प्रोडक्ट होते हैं. आमतौर पर किसी उत्पाद से जुड़ा GI tag ग्राहक को उसकी गुणवत्ता और विशिष्टता के बारे में आश्वस्त करता है.
केंद्रीय मंत्री गोयल ने ‘जीआई समागम’ के आयोजन में कहा कि हमारे पास आगे बढ़ने के लिए एक बहुत ही महत्वाकांक्षी योजना है. हमने एक लक्ष्य निर्धारित किया है कि हमारे पास 10,000 GI रजिस्ट्रेशन होने चाहिए. उन्होंने कहा कि वर्ष 2030 तक GI रजिस्ट्रेशन को 10,000 तक ले जाने के प्रयास की देखरेख के लिए एक समिति गठित की जाएगी. और कहा कि हमारी आकांक्षा होनी चाहिए कि अगले पांच वर्षों में हम GI की कहानी को हर राज्य और हर जिले तक ले जा सकें।
वाणिज्य मंत्री ने इन उत्पादों को सरकारी खरीद पोर्टल जीईएम (GeM) के अलावा ई-कॉमर्स मंचों पर भी बढ़ावा देने का सुझाव दिया. गोयल ने कहा कि सरकार पेटेंट, डिजाइन और ट्रेडमार्क महानियंत्रक कार्यालय के कार्यबल को मजबूत करने के लिए अधिक लोगों को काम पर रख रही है. उन्होंने कहा कि इस कार्यालय में 1,000 लोग काम करने वाले हैं. इनमें से 500 लोगों को पहले ही काम पर रखा जा चुका है और अगले एक या दो साल में 500 अन्य लोग आ जाएंगे.
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इन प्रोडक्ट्स को मिला है GI tag
GI tag वाले मशहूर उत्पादों में बासमती चावल, दार्जिलिंग चाय, चंदेरी कपड़ा, मैसूर सिल्क, कुल्लू शॉल, कांगड़ा चाय, तंजावुर पेंटिंग, इलाहाबाद सुर्खा, फर्रुखाबाद प्रिंट, लखनऊ जरदोजी और कश्मीर अखरोट की लकड़ी की नक्काशी के नाम शामिल हैं.
क्या है GI tag का फ़ायदा?
गोयल ने कहा कि GI tag के लिए जरूरी बौद्धिक संपदा अधिकार (आईपीआर) की मंजूरी प्राप्त करने की प्रक्रियाओं को भी सरल बनाया गया है. एक बार जब किसी उत्पाद को GI रजिस्ट्रेशन मिल जाता है, तो कोई भी व्यक्ति या कंपनी उस नाम वाली वस्तु नहीं बेच सकती है. यह चिह्न 10 साल की अवधि के लिए वैध होता है जिसके बाद इसे रिन्यू किया जा सकता है. GI रजिस्ट्रेशन के अन्य लाभों में उस वस्तु के लिए कानूनी सुरक्षा, दूसरों द्वारा अनधिकृत उपयोग के खिलाफ रोकथाम और निर्यात को बढ़ावा देना शामिल है
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पूजा राय ने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) से पढ़ाई की है।
Lallantop में Internship करने के बाद NewsPotli के लिए कृषि और ग्रामीण भारत से जुड़ी खबरें लिखती हैं।