बदलते मौसम को देखते हुए पूसा ने किसानों के लिए कृषि सलाह जारी की है। किसान इन उपायों को अपनाकर अपनी फसलों को भीषण गर्मी से बचा सकते हैं। पूसा ने एडवाइजरी में कहा है कि किसान अनाज भंडारण से पहले गोदाम को साफ कर लें और अनाज को सुखा लें। अनाज में नमी 12 प्रतिशत से अधिक नहीं होनी चाहिए। छत या दीवारों पर दरारें हों तो उन्हें भरकर ठीक कर लें। बोरियों को 5 प्रतिशत नीम के तेल के घोल से उपचारित करें। बोरियों को धूप में सुखाएं। इससे कीड़ों और अन्य बीमारियों आदि के अंडे और लार्वा नष्ट हो जाएंगे। किसानों को सलाह दी जाती है कि कटी हुई फसल और अनाज को सुरक्षित स्थान पर रखें।
इस मौसम में पकी हुई गेहूं की फसल की कटाई करना उचित है। किसानों को कटी हुई फसल को बांधकर ढक देना चाहिए अन्यथा तेज हवा या तूफान के कारण फसल एक खेत से दूसरे खेत में जा सकती है। कटाई के बाद अनाज को भण्डारित करने से पहले अच्छी तरह सुखा लें। इस सप्ताह तापमान में वृद्धि की संभावना को देखते हुए किसानों को सलाह दी जाती है कि वे खड़ी फसलों और सब्जियों में आवश्यकतानुसार हल्की सिंचाई करें। सिंचाई सुबह या शाम को करें जब हवा की गति कम हो।
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इन उर्वरक का करें छिड़काव
बढ़ते तापमान को देखते हुए पछेती गेंहू फसल में 2 % पोटेशियम नाइट्रेट या 0.2% म्यूरेट ऑफ़ पोटाश उर्वरक का घोल बना कर किसान फसल पर छिडकाव करें ताकि बढ़ते तापमान के प्रभाव को कम किया जा सकें। इसके अलावा अधिक तापमान से टमाटर, मिर्च और बैंगन की फसलों को बचाने के लिए किसानों को सलाह दी जाती है कि 2 % नेफ़थलीन एसिटिक एसिड (NAA) का घोल खड़ी फसलों फर छिडकाव करें ताकि फलों के विकास में कोई दिक्कत न हो।
मूंग किसानों के लिए
मूंग की फसल की बुआई के लिए किसान उन्नत बीजों की बुआई करें। मूंग की किस्मों जैसे पूसा विशाल, पूसा रत्न, पूसा-5931, पूसा बैसाखी, पीडीएम-11, एसएमएल-32, एसएमएल-668, सम्राट की बुआई से पहले बीजों को फसल विशेष राइजोबियम और फास्फोरस घुलनशील जीवाणुओं से उपचारित करें। बुआई के समय खेत में पर्याप्त नमी होना जरूरी है।
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