देश के लगभग हर राज्य में मानसून की बारिश हो रही है कहीं ज़रूरत से ज़्यादा तो कही कम और कहीं सामान्य भी।गुजरात और महाराष्ट्र के कई क्षेत्रों में तो बढ़ जैसे हालात हो गये हैं। ऐसे में आम जन जीवन काफ़ी प्रभावित हो रहा है। लेकिन किसानों का इससे काफ़ी नुक़सान हो रहा है। इसीलिए मौसम विभाग ने राज्यों की प्रमुख खेती और बारिश का अनुमान पता कर संबंधित राज्य के किसानों के लिए फसल एडवाइज़री जारी कर रहा है जिससे किसान अपने फसलों की सही देख भाल कर सकें और ज़्यादा नुक़सान से बचें। इसी क्रम में IMD ने राजस्थान के किसानों के लिए भी फसल एडवाइजरी जारी किया है।
एडवाइजरी में बारिश को देखते हुए बताया गया है कि किसानों को क्या करना चाहिए और क्या नहीं। IMD ने कहा है कि किसानों को सलाह दी जाती है कि वे फसलों की बुवाई जल्द से जल्द पूरी कर लें। किसान बाजरे की उन्नत किस्में एम.पी.एम.एच.-17 और एच.एच.बी.-67 (उन्नत) और ज्वार की किस्में आर.जी.सी.-936, आर.जी.सी.-1033 की बुवाई करें। फसलों की बुवाई वर्षा के पूर्वानुमान को ध्यान में रखकर की जानी चाहिए। जहां खेत में पर्याप्त नमी उपलब्ध हो, वहां किसानों को खरीफ की फसल की बुवाई करने की सलाह दी जाती है।
एडवाइजरी में कहा गया है कि किसान समय पर बोई गई बाजरा, मूंग, मोठ, ग्वार, तिल फसलों में खरपतवार नियंत्रण और मिट्टी में हवा का बहाव बने रहने के लिए निराई-गुड़ाई करें। किसानों को सलाह दी जाती है कि फसलों पर किसी भी प्रकार का छिड़काव बारिश के पूर्वानुमान को ध्यान में रखकर ही करें।
बाड़मेर के किसानों के लिए जारी सलाह में कहा गया है कि बाजरा MPMH-17, HHB-67 (उन्नत) और क्लस्टर बीन किस्मों RGC-936, RGC-1033 की बुवाई करें। फसलों की बुवाई वर्षा पूर्वानुमान को ध्यान में रखते हुए की जानी चाहिए।इसके अलावा विभाग ने इन फसलों के लिए ये सलाह दिए हैं।
बाजरा
किसानों को सलाह दी जाती है कि यदि बाजरे की फसल जून माह में बोई गई है, तो बुवाई के 25 से 30 दिन बाद बारिश के साथ 20 किग्रा नाइट्रोजन डालें।बुवाई के तीसरे और चौथे सप्ताह तक निराई-गुड़ाई का काम कर लेना चाहिए और निराई-गुड़ाई 5 सेमी से अधिक गहरी न करें।
अरंडी
अरंडी की फसल की बुवाई के लिए खेत को दो बार जोतकर तैयार करें। जी.सी.एच.-4, जी.सी.एच.-5, आर.एच.सी.-1, डी.सी.एस.-9 और जी.सी.एच.-7 उन्नत किस्में हैं. इनकी अनुशंसित बीज दर 12-15 किग्रा/हेक्टेयर है। फास्फोरस और नाइट्रोजन के लिए अनुशंसित उर्वरक की मात्रा 20:20 किग्रा प्रति हेक्टेयर अंतिम जुताई के समय डालें।
मूंगफली
अगर मूंगफली की खड़ी फसल में दीमक और सफेद ग्रब का प्रकोप है, तो किसानों को सलाह दी जाती है कि वे बारिश के समय या सिंचाई के पानी के साथ फिप्रोनिल 5% एससी @ 1.5 लीटर/हेक्टेयर मिट्टी में मिलाएं।
नेपियर बाजरा
नेपियर घास की रोपाई के लिए यह सबसे अच्छा समय है, इसलिए किसानों को सलाह दी जाती है कि वे पशुओं के लिए साल भर हरा चारा उपलब्ध कराने के लिए नेपियर घास की रोपाई शुरू करें।
पशुओं के लिए सलाह/गाय
आने वाले दिनों में बारिश की संभावना के कारण पशुओं के रहने की जगह और उसके आसपास जलभराव की स्थिति हो सकती है, जिससे मच्छरों का प्रकोप बढ़ सकता है और मक्खियां भी बढ़ सकती हैं। इसलिए पानी को निकालने की व्यवस्था करें।
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