भारतीय गन्ना अनुसंधान संस्थान ने अनुसूचित जाति के किसानों को दिया गया प्रशिक्षण, 200 किसानों को दी स्प्रे मशीन

लखनऊ (उत्तर प्रदेश)। आर्थिक और सामाजिक रुप से पिछड़े अनुसूचित जाति के किसान गन्ने की खेती में बेहतर कर सकें इसके लिए भारतीय गन्ना अनुसंधान संस्थान ने मंगलवार उन्हें ट्रेनिंग और कृषि कार्य में उपयोगी टूल्स दिए। गन्ना उत्पादन तकनीक एवं कृषि संसाधन वितरण के एक दिवसीय ट्रेनिंग प्रोग्राम के दौरान 200 किसानों को संस्थान कि ओर से छिड़काव के लिए स्प्रे मशीन भी दी गईं।

लखनऊ में स्थित आईसीएआर के संस्थान, भारतीय गन्ना अनुसंधान संस्थान में आयोजित समारोह में हैदरगढ़, बाराबंकी एवं रौजागाँव अयोध्या के कुल 200 किसानों ने हिस्सा लिया। कार्यक्रम का आयोजन संस्थान द्वारा चलायी जा रही उनुसूचित उप-योजना के अंतर्गत किया गया। कार्यक्रम के तहत किसानों को गन्ने के प्रमुख कीट एवं बीमारी नियंत्रण,उन्नत गन्ना किस्में तथा स्प्रेयर की उचित प्रयोग की जानकारी दी गई।

कार्यक्रम का उदघाटन और समापन संस्थान के निदेशक डॉ.आर. विस्वनाथन ने किया । इस मौके पर उन्होंने किसानों को बैट्री चलित स्प्रेयर तथा वर्मी बेड का वितरण किया। उन्होंने किसानों से अच्छी गन्ना उपज लेने तथा खेती से होने वाली आय बढ़ाने हेतु नई तकनीकों को अपनाने का कहा। इस कार्यक्रम में फसल उत्पादन विभाग के अध्यक्ष डॉ वेद प्रकाश सिंह,अनुसूचित जाति उप-योजना के नोडल ऑफिसर डॉ अरुण बैठा एवं प्रधान वैज्ञानिक डॉ बरसाती लाल तथा डॉ कामता प्रसाद ने भी हिस्सा लिया।

भारत में करीब 50 हजार हेक्टेयर में गन्ने की खेती होती है और 5 करोड़ किसान और मजदूर परिवारों की आजीविका गन्ने पर निर्भर है। गन्ने से चीनी, गुड़, एथेनॉल, कागज, क्रॉकरी वाली कप-प्लेट समेत कई तरह के बाई प्रोडक्ट बनाए जा रहे हैं।

भारतीय गन्ना अनुसंधान संस्थान के प्रधान वैज्ञानिक डॉ बरसाती लाल का गन्ने की खेती से जुड़ा वीडियो यहां देखे

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