ICAR-IIPR ने जैविक तरीक़े से तैयार की ‘दलहनडर्मा’, इससे दलहन फसल को रोगों से मिलेगा छुटकारा

ICAR-IIPR कानपुर का जैविक तरीक़े से तैयार दलहनडर्मा अब दलहन फसल के पौधों के जड़ों में लगने वाले रोगों से छुटकारा दिलाएगा। इससे किसानों को पेस्टीसाइड्स का प्रयोग नहीं करना पड़ेगा और उत्पादन भी बढ़ जाएगा। इसके बड़े स्तर पर उत्पादन के लिए उत्तर प्रदेश सरकार दो करोड़ रुपए का इंफ्रास्ट्रक्चर विकास अनुदान देगी।

दलहन फसलों को रोगों और कीटों से बचाने और उत्पादन बढ़ाने के लिए भारतीय दलहन अनुसंधान संस्थान (IIPR) के वैज्ञानिकों ने दलहडर्मा रोगनाशक दवा विकसित की है। दलहडर्मा जैविक तरीके से कई साल की रिसर्च के बाद तैयार किया गया है। वैज्ञानिकों के अनुसार यह पौधों की जड़ों में होने वाली सड़न को रोकेगा और अन्य कीटों-रोगों से भी फसल को बचाएगा। इसके अलावा IIPR ने अपनी रिसर्च में कहा है कि इसके इस्तेमाल से चना, अरहर समेत अन्य दलहन फसलों की उपज में 12 फीसदी तक की बढ़त देखी गई है।
और कहा है कि इसके इस्तेमाल के बाद किसानों को रोग से निपटने के लिए पेस्टीसाइड का इस्तेमाल नहीं करना पड़ेगा। दलहनडर्मा अरहर और चना के अलावा मसूर और मूंग समेत अन्य दलहन फसलों के लिए भी उपयोगी है।

मिट्टी की उर्वरता में सुधार

दलहनडर्मा दलहन फसलों के पौधों को बढ़ाने में मददगार है। दलहनडर्मा के रूप में विकसित फार्मूलेशन मिट्टी की उर्वरता में सुधार करता है और मिट्टी में सूक्ष्मजीवों की आबादी को बढ़ाता है। जिससे फसल की उपज 10-12 फीसदी तक भी बढ़ने की संभावना है। रिसर्च के दौरान 12 फीसदी उपज में बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है।
इसके अलावा दलहनडर्मा के इस्तेमाल से विल्ट रोग को रोकने में सफलता मिली है। विल्ट रोग पौधे को अंदर से नष्ट करना शुरू करता है और पूरी तरह सुखा देता है। दलहन फसलों के लिए विल्ट रोग बेहद घातक माना जाता है।




यूपी सरकार देगी दो करोड़ की सब्सिडी 



दलहनडर्मा के उत्पादन के लिए आधारभूत सुविधा उपलब्ध कराने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार तैयार है। सरकार इसके लिए दो करोड़ रुपए की अनुदान राशि देने पर सहमत है। इसका लक्ष्य अगले फसल सत्र में किसानों को जरूरत के अनुरूप दलहनडर्मा उपलब्ध कराना है।
ICAR-IIPR के निदेशक डॉ जीपी दीक्षित ने मीडिया से बताया कि दलहनडर्मा उत्पादन के लिए लैब तैयार की जाएगी। पहले चरण में बुंदेलखंड और यूपी के अन्य क्षेत्रों के किसानों को दलहनडर्मा शोधित बीज दिया जाएगा। अगले चरण में केंद्र सरकार से मदद लेकर पूरे देश के किसानों के लिए इसका उत्पादन करेंगे।

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