ICAR की सलाह, मक्के की फसल को इचग्रास से कैसे बचाएँ?

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मक्के में फैल रही खुजली वाली घास (इचग्रास) बड़ी समस्या बन गई है। इसे शुरुआत में ही सही दवा या हाथ से निकालकर कंट्रोल किया जाए तो लागत कम होती है और उपज ज्यादा मिलती है। ICAR ने किसानों को इसके रोकथाम और पहचान के आसान तरीके बताए हैं।

मक्का की खेती में एक खुजली पैदा करने वाली घास इचग्रास तेजी से फैल रही है और यह किसानों के लिए बड़ी समस्या बन गई है। आमतौर पर इस्तेमाल होने वाले हर्बिसाइड इस घास पर ज्यादा असर नहीं दिखा रहे हैं। इसी वजह से ICAR ने इस पर जानकारी देते हुए इसे रोकने के तरीके बताए हैं।

ICAR की सलाह
स्टडी के मुताबिक आइसोक्साफ्लुटोल + थिएनकार्बाजोन-मिथाइल @ 90+36 g a.i./ha (12 DAS) छिड़काव करने से इस घास पर अच्छा नियंत्रण मिलता है। ICAR का कहना है कि अगर इचग्रास को शुरुआत में ही रोका जाए तो मक्के की पैदावार बढ़ सकती है और किसान की लागत भी कम होगी। क्योंकि इस घास को खत्म करने में हर्बिसाइड पर काफी पैसा खर्च होता है।

इसे पहचानकर कैसे रोका जाए?
जब मक्के के नए खेत में 10-15 अलग-अलग जगहों पर खरपतवार दिखे, तो सीधे कंट्रोल करने के बारे में सोचें। बुवाई के बाद हर हफ्ते मक्के के खेतों में इचग्रास की जांच करें।इसकी पहचान का तरीका आसान है. यह सीधी, खूब सारी टिलरिंग वाली सालाना घास है जिसके पत्ते हल्के हरे होते हैं। इस घास के पौधे के बेस के पास मजबूत जड़ें होती हैं, और बीज का सिर सिलेंडर के आकार का होता है। इसकी पत्ती के कवर पर बारीक बाल भी होते हैं जो स्किन में जलन पैदा कर सकते हैं। खुजली वाली घास आमतौर पर लगभग 50 से 100cm ऊंची होती है, लेकिन 4m तक बढ़ सकती है। इसका फूल का सिरा पतला सिलेंडर के आकार का और 3-15cm लंबा होता है।

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इसका फैलाव कैसे रोका जाए?
नहरों, पानी की निकासी वाली जगहों और बाढ़ वाले खेतों के पास इस घास को जल्द हटाएं, क्योंकि यह पानी के साथ फैलती है।बीज बनने से पहले इसे उखाड़कर खेत से हटा दें।इसे हटाते समय दस्ताने पहनें, क्योंकि इसकी पत्तियों के बालों से खुजली हो सकती है।जब मक्के के पौधे छोटे हों, तो इचग्रास को हाथ से उखाड़ना सबसे आसान और सस्ता तरीका है।अगर इसमें बीज नहीं बने हैं तो इसे मल्च के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है।

ICAR के मुताबिक अगर किसान शुरुआत में ही इस घास पर नियंत्रण कर लें तो मक्का की उपज बढ़ेगी, खेत साफ रहेंगे और खेती की लागत कम होगी।

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Pooja Rai

पूजा राय ने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) से पढ़ाई की है।
Lallantop में Internship करने के बाद NewsPotli के लिए कृषि और ग्रामीण भारत से जुड़ी खबरें लिखती हैं।

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