उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले के युवा किसान अभय वर्मा एक बीघे में स्ट्रॉबेरी और करेला की सहफसली खेती करते हैं। जिससे वो लगभग तीन लाख रुपये की कमाई करते हैं।
खेती मुनाफे का सौदा है, बशर्ते उसे सही तकनीक से किया जाए। उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले के युवा किसान अभय वर्मा एक बीघे में स्ट्रॉबेरी और करेला की सहफसली खेती करते हैं। जिससे वो लगभग तीन लाख रुपये की कमाई करते हैं। न्यूज़ पोटली से बात करते हुए अभय वर्मा ने बताया कि, वो रेज्ड बेड पर खेती करते हैं, मल्चिंग का इस्तेमाल करते हैं। हालांकि उनका मल्चिंग बिछाने का तरीका दूसरे किसानों से थोड़ा अलग है। वो पहले रेज्ड बेड पर स्ट्रॉबेरी की बुवाई करते हैं। जब पौधा थोड़ा बड़ा हो जाता है, उसके बाद ही वो उस पर मल्चिंग बिछाते हैं।

ट्रेलिस विधि
स्ट्रॉबेरी के खेत में ही वो करेला की खेती भी मचान विधि से सकते हैं, हालांकि यहा भी उनका मचान बनाने का तरीका दूसरे किसानों से अलग है। अधिकतर किसान मचान विधि से खेती करते समय मचान को छत का रूप देते हैं, लेकिन अभय कहते हैं कि अगर हम खड़े बांस पर ही बेल चढ़ायें तो पौधों में प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया और अच्छे से होती है, इस युवा किसान का दावा है कि इस तरीके से पैदावार करीब 30-40 फीसदी तक ज्यादा होता है।

लागत और मुनाफ़ा
अभय स्ट्रॉबेरी और करेले की सहफसली खेती मात्र एक बीघे में मचान और मल्चिंग विधि से करते हैं, वो बताते हैं, इस तरह से स्ट्रॉबेरी में लगभग 60 हज़ार और करेले की बुवाई से लेकर कटाई तक कुल 20 हज़ार रुपये का खर्च आता है, तो कुल लागत 80 हजार के करीब आती है, और कमाई लगभग 3 लाख रुपये तक हो जाती है, इस तरह उन्हें 2.2 लाख रुपये का शुद्ध मुनाफा होता है।

अभय वर्मा ने के पास 3 एकड़ खेत है, जिसमें वो डेढ़ एकड़ में धान-गेहूं जैसी पारंपरिक फसल उगाते हैं। जबकि डेढ़ एकड़ में सब्जियों की खेती करते हैं। सभी खेत मिलाकर उनकी कुल कमाई लगभग 8-10 लाख रुपये तक की हो जाती है। इस युवा किसान ने M.sc agronomy की पढ़ाई के बाद, खेती को अपना पेशा चुना। अभय वर्मा करते हैं, खेती में बढ़िया मुनाफा है, बस इसे सही तरीके से करने की जरूरत है। अभय अपने खेत में अलग-अलग वक्त में अलग-अलग प्रयोग भी करते रहते हैं। इसके पीछे उनका तर्क है कि, जब आप नए प्रयोग करोगे तभी समझ पाओगे कि, आपके इलाके में कौन सी फसल की बेहतर पैदावार है, साथ ही ये भी कि, किस तरह से खेती आपको ज्यादा पैदावार दे सकती है।

अभय वर्मा से करीब 5000 किसान जुड़े हैं। वो उन किसानों को अपने नए एक्सपेरीमेंट से जो हासिल होता है, उसकी टिप्स भी देते रहते हैं, जिससे की दूसरे किसानों को भी इसका फायदा मिल सके। अभय वर्मा की खेती का पूरा तरीका समझने के लिए आप ये वीडियो देखिए।