गेहूं रबी सीजन की प्रमुख फसल है। कई करोड़ों लोगों का मुख्य भोजन होने के साथ ही ये किसानों की कमाई का ज़रिया भी है। इस समय पूरे देश में ख़ासकर उत्तर भारत में खेतों में इसकी फसल लहलहा रही है। लेकिन सामान्य से अधिक गर्मी बढ़ने से इसके उत्पादन पर बुरा असर पड़ने की संभावना है।
मौसम विभाग के मुताबिक इस साल मार्च से मई के बीच देश के कई हिस्सों में गर्मी सामान्य से अधिक रहने की संभावना है। मार्च से ही हीटवेव दर्ज की जा सकती है। जलवायु परिवर्तन के चलते पिछले कुछ सालों से फरवरी और मार्च में औसत तापमान सामान्य से अधिक रह रहा है। मौसम के प्रभाव के चलते पिछले 4 साल से गेहूं के दाम ऊंचे बने हुए हैं। फरवरी का औसत तापमान पहले ही 125 साल में सबसे अधिक दर्ज किया जा चुका है। फरवरी और मार्च में सामान्य से ज्यादा तापमान के चलते गेहूं की फसल पर असर पड़ने की आशंका है। ज्यादा गर्मी से पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश से लेकर मध्य भारत तथा दक्षिण के कुछ राज्यों तक गेहूं के उत्पादन पर असर पड़ सकता है।
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हल्की सिंचाई करें
न्यूज़ पोटली से गोविन्द बल्लभ पन्त कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, उत्तराखंड (पंत नगर यूनिवर्सिटी) के पूर्व प्रोफेसर और जैन इरिगेशन के सलाहकार डॉ. ए.के भारद्वाज ने इस मुद्दे पर बात की और बताया कि ज्यादा तापमान या एकाएक लू चलने पर गेहूं असमय पक जाता है। जब गेहूं की बालियों में दूध बन रहा होता है, यानि दाना बन रहा होता है, उस वक्त अगर तामपान बढ़ता है तो दाने छोटे ही रह जाते हैं, जिससे किसानों को नुकसान होता है। इन नुकसान से बचने के लिए, गेहूं की अच्छी पैदावार लेने के लिए एक्सपर्ट Micro Irrigation यानि बूंद-बूंद सिंचाई Drip Irrigation Cooling System या फव्वारा सिंचाई Sprinkler Irrigation Cooling System खेत में लगाने की सलाह देते हैं।
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पूजा राय ने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) से पढ़ाई की है।
Lallantop में Internship करने के बाद NewsPotli के लिए कृषि और ग्रामीण भारत से जुड़ी खबरें लिखती हैं।