गोबर की खाद दमदार होती है, ये पूरी दुनिया मानती है लेकिन गोबर खेत में असर तभी करेगा जब वो कंपोस्ट में बदल चुका है। गोबर और जैव कचरे को कंपोस्ट खाद बनने यानि सड़ने गलने में कई महीने लग जाते हैं, कई बार तो साल-साल भर में ये काम होता है। लेकिन राजस्थान के कोटा में स्थित श्रीरामशान्ताय जैविक कृषि अनुसंधान संस्थान एवं प्रशिक्षण केंद्र ने एक सरल उपाय खोजा है, जिससे सामान्य परिस्थियों में सिर्फ 45 दिन में किसी तरह का गोबर (गाय, भैंस बकरी आदि) बेहतरीन खाद में बदल जाएगा।
श्री रामशान्ताय जैविक कृषि अनुसंधान संस्थान एवं प्रशिक्षण केन्द्र के प्रधान वैज्ञानिक और प्रबंधक डॉ. पवन टांक कहते हैं, “गाय के गोबर गुड और छांछ को मिलाकर बनाई गए घोल को गोबर पर डालकर 45 से 50 दिन तक धूप और बारिश के पानी से बचा कर रखने पर जो खाद हमको मिलती है उसकी गुणवत्ता वर्मी कम्पोस्ट खाद से ज्यादा पायी गई है। इसे हम सरल कम्पोस्ट खाद कहते हैं।”
सरल कंपोस्ट बनाने के लिए चाहिए
सरल कंपोस्ट 1 टन (10 कुंटल) गोबर-फसल अवशेष के लिए 200 लीटर पानी चाहिए। 200 ली. पानी में 2 किलो गुड़ का घोल, 30 किलो गाय ताज का गोबर चाहिए 30 लीटर गाय या भैंस की छांछ को पानी में मिलाते हैं तैयार घोल को तुरंत उपयोग कर सकते हैं उपयोग करने के लिए गोबर के ढेर में छेद कर तरल भर दें गोबर के ढेर के किनारों को भी गीला करें। ढेर गीला करने के बाद उसे सूरज की सीधी किरणों और बारिश से बचाएं गोबर के तरल की गुणवत्ता को बचाए रखने के उसे पुआल आदि से ढक दें तेज गर्मी या सर्दी, या तेज बारिश होने पर खाद बनने में 2 महीने लग सकते हैं।
गोबर की खाद जल्द तैयार करने की विधि सरल ख़ास saral compost को लेकर न्यूज़ पोटली के पिछले दिनों एक वीडियो किया था, जिसे लाखों लोगों ने देखा, इस दौरान कई किसानों के कुछ सवाल पूछे। इस वीडियो में सरल कम्पोस्ट की विधि बताने वाले Rajasthan में कोटा में स्थित गोयल ग्रामीण विकास संस्थान के प्रबंधक डॉ पवन टाँक किसानों के सवालों के जवाब से रहे है।