सब्जियों और सलाद में स्वाद लाने वाले प्याज भारत समेत कई देशों में चाव से खाया जाता है। इसलिए इसकी खेती भी खूब होती है। अगर आप भी प्याज की खेती करना चाहते हैं जो सबसे पहले उसका बीज तैयार करना सीख लीजिए। क्योंकि खुद से तैयार बीज से पैसे से बचेंगे ही उत्पादन बेहतर हो सकता है।
न्यूज पोटली के इस वीडियो में आपको बेहतर बीज उत्पादन की जानकारी दी जा रही है। भारत में सबसे ज्यादा प्याज महाराष्ट्र के नाशिक में होता है। इसलिए आपको नाशिक के एक किसान द्वारा अपनाई जा रही विधि को दिखाते हैं।
नाशिक में सटाणा तालुका के जितेंद्र उद्धव राव देवरे प्याज और अंगूर के बड़े किसान हैं। औसतन वो हर साल 15-17 एकड़ में प्याज की खेती करते हैं। उन्होंने इस बार बेड बनाकर, सिंचाई के लिए ड्रिप पाइप लाइन बिछाई, उसके ऊपर पेपर मल्चिंग यानि मल्चिंग सीट लगाई है। जिसके बाद अपनी पिछली फसल के सबसे शानदार प्याज यानि कंदों का चुनाव कर उनकी बुवाई की है।
प्याज के बीज की खेती का वीडियो यहां देखिए
जीतेंद्र के मुताबिक उन्होंने 3 फीट के बेड बनाए हैं, जिसके ऊपर डेढ फीट पर जिक-जैक तरीके से बीजों की बुवाई की है। बुवाई से पहले बीज का शोधन किया है। ये जो तरीका आप देख रहे हैं, जिसमें प्याज के कंद को लोहे या प्लास्टिक के रॉड से दबाया जा रहा है, ये देवरे या नाशिक किसानों का अपना तरीका है आप इसकी सीधी बुवाई भी कर सकते हैं। जितेंद्र देवरे ऐसे बुवाई से पहले बेड को रात में अच्छे से सिंचाई कर गीला किया था।
प्याज के बीज के उत्पादन पर आगे बढ़ने से पहले प्याज की खेती का थोड़ा गुणाभाग समझ लीजिए। भारत रबी और खरीफ दोनों सीजन में भारत में पैदा किया जाता है। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के मुताबिक भारत में करीब 1900 हजार हेक्टेयेर में प्याज की खेती होती है। प्याज की खेती का रबका पिछले कुछ वर्षों में तेजी से बढ़ा है। साल 2020-21 में देश में 1624 हजार हेक्टेयर से 26621 मीट्रिक टन प्याज हुआ था जबकि 2022-23 में 1940 हजार हेक्टेयर से 31 मिलियन टन से ज्यादा उत्पादन अनुमानित है। एक एकड़ प्याज की खेती के लिए करीब 4 बीज चाहिए। अच्छी क्वालिटी का बीज 1500 से लेकर 5000 रुपए किलो तक मिलता है। प्याज का भाव 2 रुपए किलो से लेकर 200 रुपए किलो तक पहुंच जाता है, इसलिए ये अनिश्चितता भरी खेती कहा जाता है।
प्याज की खेती के लिए मिट्टी और बारिश
प्याज हर तरह की मिट्टी में उगाया जा सकता है लेकिन दोमट और जलोढ़ मिट्टी में ये सबसे ज्यादा पैदा होता है। खेत में जलभराव नहीं होना चाहिए। जिस खेत में प्याज या प्याज के बीज तैयार किए जाने हैं उसमें पर्याप्त कार्बन तत्व होने चाहिए। यानि गोबर और हरी खाद का प्रयोग जरुर करें। खेत का पीएच 6.0 से 7.5 के बीच होना चाहिए। इसके साथ वो इलाके बेहतर हैं जहां साल में औसतन 650 से 750 मिलीमीटर बारिश होनी चाहिए।
बीज का उत्पादन
प्याज का बीज 4 से साढ़े चार महीने में तैयार होता है। अक्टूबर-नवंबर का महीना बीज की बुवाई के लिए उपयुक्त होता है। जितेंद्र जो 10 गुंठा यानि एकड़ के चौथाई भाग खेत में बीज लगा रहे हैं उसमें करीब 50 किलो बीज मिलेगा जो उनके 10-17 एकड़ खेत के लिए पर्याप्त हो सकता है।
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न्यूज पोटली के लिए नाशिक से अभिजीत देवरे की रिपोर्ट
Arvind Shukla is a freelance journalist and founder of News Potli, a website that tells the stories of farmers, women, and tribal people.
Based in Lucknow, Uttar Pradesh, he grew up in a farming community and has spent years documenting the impact of climate threats, such as droughts, floods, and water shortages, on farmers and their livelihoods.
He has previously written about the plight of sugar workers, including a story focusing on how mills in Uttar Pradesh and Maharashtra owe sugarcane cutters billions in outstanding payments.