हिमाचल प्रदेश सरकार राज्य में नेचुरल फार्मिंग(Natural Farming) को बढ़ावा देने के लिए हिम-उन्नति(HIM-UNNATI) योजना लॉन्च की है। इस योजन के लिए 150 करोड़ रुपये का बजट तय किया गया है, जिससे प्रदेश के करीब दो लाख किसानों को फायदा होगा। इस योजना का फ़ायदा राज्य के छोटे किसानों और पहले से ही नेचुरल फार्मिंग कर रहे किसानों को मिलेगा।
हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार ने राज्यभर में प्राकृतिक खेती (Natural Farming) को बढ़ावा देने के उद्देश्य से एक नई योजना हिम-उन्नति(HIM-UNNATI) की शुरुआत की है। मुख्यमंत्री ने कहा कि 150 करोड़ रुपये के आवंटन के साथ यह योजना लगभग 1.92 लाख ऐसे किसानों के प्रयासों को बढ़ावा देगी, जो पहले से ही 32,149 हेक्टेयर भूमि पर रसायन मुक्त खेती कर रहे हैं। इस योजना का उद्देश्य क्लस्टर आधारित विकास मॉडल के माध्यम से कृषि क्षेत्र को आर्थिक रूप से व्यवहार्य बनाने और प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने पर केंद्रित होगा।
छोटे किसानों के लिए योजना
इस योजना के तहत सरकार थोक उत्पादन को सक्षम बनाने के लिए छोटे किसानों को संगठित करेगी, जिससे पर्याप्त मार्केटेबल सरप्लस मिल सके। यह पहल अलग-अलग मौजूदा कृषि योजनाओं को भी एकीकृत करेगी और योजना के प्रभाव को अधिकतम करने के लिए पशुपालन, बागवानी, मत्स्य पालन और ग्रामीण विकास जैसे विभागों के साथ कोआर्डिनेशन करेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस योजना से विशेष रूप से छोटे और सीमांत किसानों, महिला किसानों और अनुसूचित जाति (एससी), अनुसूचित जनजाति (एसटी) और गरीबी रेखा से नीचे (बीपीएल) के परिवारों सहित समाज के कमजोर वर्गों के लोगों को लाभ मिलेगा।
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10 नए किसान उत्पादन संगठन (FPO) होंगे स्थापित
योजना के तहत मिट्टी की उत्पादकता बढ़ाने के लिए 100 फीसदी मृदा परीक्षण आधारित पोषक तत्व प्रबंधन, उच्च-स्तरीय उत्पाद की खेती को बढ़ावा और पारंपरिक फसलों और बाजरा खरीद के लिए सहायता दी जाएगी। सरकार ने इस वित्त वर्ष के लिए 10 नए किसान उत्पादन संगठन (FPO) स्थापित करने के लिए 50 करोड़ रुपये और कांटेदार तार इत्यादि लगाने के लिए अतिरिक्त 10 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है।
प्राकृतिक खेती से उत्पादित 20 क्विंटल अनाज खरीदेगी सरकार
राज्य सरकार द्वारा प्रति परिवार प्राकृतिक खेती से उत्पादित 20 क्विंटल अनाज की खरीद की जाएगी। इसके तहत 40 रुपये प्रति किलो की दर से गेहूं और 30 रुपये प्रति किलो की दर से मक्का की खरीद की जाएगी। हिम-उन्नति योजना राजीव गांधी स्टार्ट-अप योजना के तीसरे चरण का प्रतिनिधित्व करती है, जो प्राकृतिक खेती के तरीकों को और प्रोत्साहित करती है।सरकार एक समर्पित वेब पोर्टल के माध्यम से 15,000 एकड़ भूमि को प्राकृतिक खेती की भूमि के रूप में प्रमाणित करने की भी योजना बना रही है। इसके अलावा, कृषि संसाधन विश्लेषण के लिए प्रमाणित मूल्यांकन उपकरण (सीईटीएआरए एनएफ) प्रणाली के तहत 1.41 लाख से अधिक किसानों को पहले ही प्रमाणित किया जा चुका है।
प्रदेश में प्राकृतिक खेती की बढ़ रही है लोकप्रियता
सीएम सुक्खू ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में प्राकृतिक खेती की लोकप्रियता बढ़ रही है, खासकर महिला किसानों के बीच, जिन्होंने इन स्थायी प्रथाओं को अपनाने में नेतृत्व दिखाया है। हिम-उन्नति योजना किसान समुदाय की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने और राज्य के आत्मनिर्भरता के लक्ष्य में योगदान देने के लिए आवश्यक क्षमता निर्माण प्रशिक्षण और वित्तीय सहायता प्रदान करेगी
सीएम ने कहा, इस योजना से 2,600 कृषि क्लस्टर के निर्माण के माध्यम से लगभग 50,000 किसानों के लिए स्वरोजगार के अवसर पैदा होने की उम्मीद है। इसके अतिरिक्त, राज्य में सब्जियों और अनाज की उत्पादकता में 15-20 फीसदी की बढ़ोतरी होने का अनुमान है।
ये देखें –
पूजा राय ने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) से पढ़ाई की है।
Lallantop में Internship करने के बाद NewsPotli के लिए कृषि और ग्रामीण भारत से जुड़ी खबरें लिखती हैं।