महाराष्ट्र: मराठवाड़ा में भारी बारिश से 800 गांव प्रभावित, 4 लाख हेक्टेयर फसल बर्बाद, 6 लोगों की मौत

महाराष्ट्र में नांदेड़, लातूर और बीड समेत मराठवाड़ा के ज़िले भयंकर बाढ़ की चपेट में हैं।

मराठवाड़ा में भारी बारिश के बाद कई गांव डूब गए हैं। कई लोगों की मौत की खबर है, जबकि कई लोग लापता बताए जा रहे हैं। बारिश के बाद आई बाढ़ में कई पशुओं की मौत हो गई है, जबकि 4 लाख हेक्टेयर फसल बर्बाद हो गई है।

महाराष्ट्र में नांदेड़, लातूर और बीड समेत मराठवाड़ा के ज़िले में भयंकर तबाही हुई है। कई जिलों में 13 अगस्त से भारी बारिश हो रही है। नांदेड़ जिले के धड़कनाल, बोरगांव समेत नदी किनारे बसे कई गांव में बारिश के बाद आई बाढ़ में गाय, भैंस, बैल, बकरी, भेड़ जैसे हज़ारों पशुओं की मौत हो गई। अकेले मुखेड़ तालुका में 50 भैसों की मौत हो गई। बताया गया है कि, सैलाब की चपेट में पूरी गौशाला ही गई। मुखेड़ तालुका के सीमावर्ती इलाके में बादल फटने के बाद हुई भयंकर बारिश में 6 गांव पूरी तरह से जलमग्न हो गए हैं। इनमें से 2 गांवों में 86 लोग बाढ़ के पानी में फंस गए। जिन्हें निकालने के लिए sdrf की मदद ली गई। उदगीर-मुकरमाबाद-देगलुर रोड पर तीन गाड़ियों में सवार 7 यात्री बाढ़ में बह गए। लातूर और नांदेड़ जिला प्रशासन ने उनमें से तीन को बचा लिया है।

भारी बारिश के कारण आई बाढ़ में मराठवाड़ा में 6 लोगों की मौत हो गई है। इनमें नांदेड़ जिले में 3, बीड जिले में 2 और हिंगोली जिले में एक व्यक्ति शामिल है। मराठवाड़ा के 800 गांव प्रभावित हुए हैं, जबकि 4 लाख हेक्टेयर से अधिक फसलें बर्बाद हो गई हैं। बारिश से उत्पन्न भयावह स्थिति को देखते हुए नांदेड़ जिले के मुखेड़ में सेना बुलाई गई है। पुणे से 20 लोगों की एक टीम भी बुलाई गई है। एनडीआरएफ की एक टीम बीड में राहत कार्य कर रही है। जबकि एसडीआरएफ की 2 टीमें नांदेड़ में काम कर रही हैं। मराठवाड़ा के 57 मंडलों में भारी बारिश हुई है। इसलिए सरकार ने स्थानीय प्रशासन को स्थिति को देखते हुए स्कूलों की छुट्टियां करने के निर्देश दिए हैं।

बारिश की वजह से खेती को बहुत नुकसान हुआ है। कई हजार हेक्टेयर में कटाव हुआ है। कई किसानों का कहना है कि, सोयाबीन, कपास, मूंग, अरहर की फ़सलें पूरी तरह से बर्बाद हो गई हैं।

बीड ज़िले के परली वैजापुर तालुका के कौडगांव हुडा शिवारा में तेलेमुख रोड पर पुल से बह रहे पानी में एक बलेनो कार बह गई। इस कार में चार लोग सवार थे। स्थानीय प्रशासन ने आधी रात को तलाशी ली तो तीन लोगों को सुरक्षित बचा लिया गया, लेकिन एक व्यक्ति अभी भी लापता है।

लातूर ज़िले के उदगीर तालुका के मौजे बोरगांव और धड़कनाल गांवों का बारिश की वजह से संपर्क टूट गया है। पानी से घिरे गांवों के नागरिकों को भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। अब तक 70 परिवारों के 210 नागरिकों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया जा चुका है। प्रशासन लगातार बचाव कार्य में जुटा है।

नांदेड़ लेह बांध से पानी छोड़े जाने के कारण लाडो नदी में बाढ़ आ गई है। नजीता  रावनगांव, भसवाड़ी, भीगेली और हसना गांवों के पुनर्वासित नागरिक बाढ़ के पानी में फंस गए हैं।

बाढ़ की स्थिति को देखते हुए, प्रशासन ने नागरिकों से अनावश्यक यात्रा से बचने और सुरक्षित स्थानों पर रहने की अपील की है। एनडीआरएफ, स्थानीय पुलिस, राजस्व और सेना के जवान लगातार बचाव कार्यों में लगे हुए हैं। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने x पर जानकारी देते हुए लिखा,

“नांदेड़ जिले के मुखेड़ तालुका में भारी बारिश के कारण लेंडी बांध का जलस्तर काफी बढ़ गया है। इसके अलावा, लातूर, उदगीर और कर्नाटक से भी भारी मात्रा में पानी आ रहा है। कल यहां लगभग 206 मिमी बारिश हुई। इसके कारण रावनगांव, भसवाड़ी, भिंगेली, हसनाल में सामान्य जनजीवन प्रभावित हुआ है। रावणगांव में 225 नागरिक बाढ़ के पानी में फंसे हुए हैं, जिनमें से सबसे अधिक प्रभावित स्थानों से नागरिकों को निकाल लिया गया है। शेष नागरिकों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने के प्रयास जारी है। भिंगेली में 40 नागरिक फंसे हुए हैं, वे सुरक्षित हैं। 5 नागरिक लापता हैं, उनकी तलाश की जा रही है। छत्रपति संभाजीनगर से सेना की एक टुकड़ी भी भेजी गई है। स्थानीय प्रशासन को प्रभावित क्षेत्रों में रहकर समन्वय करने के लिए कहा गया है।“

बाढ़ प्रभावित इलाकों में बिजली आपूर्ति पूरी तरह से बंद है। सड़कें बंद हैं। सभी सेवाएं फिलहाल ठप हैं।

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