पश्चिम बंगाल में बारिश ने किसानों को दिया करारा झटका, आलू की फसल पर पड़ा गहरा असर

कोलकाता (रिपोर्ट – गुरुविंदर सिंह)। पश्चिम बंगाल के हुलगी में बेमौसम बारिश से आलू के किसानों को भारी नुकसान हुआ है। इस बारिश के कारण देश में आलू की कमी हो सकती है, जिससे आलू के दामों में बढ़ोतरी की संभावना है। बेमौसम बारिश के कारण किसानों को अपनी आलू की फसल की हार्वेस्टिंग 20 दिन पहले करनी पड़ी।

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पश्चिम बंगाल देश का दूसरा सबसे बड़ा आलू उत्पादक राज्य है। 2023-24 में राज्य का आलू उत्पादन 1.27 करोड़ टन था। 2024-25 में इसके 1.4 करोड़ टन के उत्पादन का अनुमान था। इस साल बंगाल में बंपर आलू उत्पादन की संभावना थी, लेकिन बारिश ने किसानों को काफी नुकसान पहुंचाया है। किसानों का कहना है कि बारिश के कारण वे अपनी लागत भी नहीं निकाल पा रहे हैं।

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हुलगी के किसान महबूब हुसैन कहते हैं कि फसल की हार्वेस्टिंग के 20 दिन पहले ही बारिश हो गई, जिससे फसल पूरी तरह से खराब हो गई है। अब हम फसल हार्वेस्ट कर रहे हैं ताकि कुछ लागत निकल सके। मेरे परिवार को भी पालना है, इसलिए आलू निकाल रहे हैं।

ये बारिश महबूब हुसैन ही नहीं, बल्कि पूरे इलाके के किसानों के लिए भारी नुकसान का कारण बनी है। कुछ किसानों ने उम्मीद के साथ साहूकारों से कर्ज लिया था, लेकिन अब उनकी उम्मीदें पूरी तरह टूट चुकी हैं। सुमेश राय कहते हैं कि बारिश के कारण फसल खराब हो गई है। मैंने पाँच बीघा जमीन में लगभग 1.35 लाख रुपये खर्च किए थे, लेकिन सरकार से अब तक कोई मदद नहीं मिली है।

इस बारिश ने किसानों को नुकसान पहुंचाया है, लेकिन व्यापारियों को भी भारी नुकसान हुआ है। आलू व्यापारी गौतम भौमिक का कहना है कि इस बारिश का आलू के उत्पादन पर गहरा असर पड़ेगा, जिससे आलू के व्यापार पर भी प्रभाव डालेगा।

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बंगाल में आई इस प्राकृतिक आपदा का असर पूरे देश में दिखाई दे सकता है। उत्तर प्रदेश के बाराबंकी के मुदित वर्मा कहते हैं कि बारिश के कारण आलू के दामों पर असर पड़ेगा और इसके दाम बढ़ सकते हैं।

इस मामले में पश्चिम बंगाल यूनिवर्सिटी के कृषि वैज्ञानिक अमरेन्द्र पांडे कहते हैं कि इस बार मौसम थोड़ा गर्म और ठंडा था, जो फसल के लिए अच्छा नहीं था। हार्वेस्टिंग के समय आलू में पानी लग जाता है, जिससे नावीडशा रोग हो सकता है और कई तरह के फंगस उत्पन्न हो सकते हैं, जो काफी नुकसानदायक होते हैं। इसलिए फंगस साइड का छिड़काव करना चाहिए, ताकि फसल को बचाया जा सके।

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