ICAR ने गेहूं की नई किस्म करण खुशबू (DBW-386) जारी की है, जो समय पर बोई गई सिंचित खेती के लिए उपयुक्त है। यह किस्म 52 क्विंटल/हेक्टेयर तक उपज देती है, 123 दिन में तैयार होती है और रस्ट व व्हीट ब्लास्ट जैसी बीमारियों से सुरक्षित रहती है। इसके साथ ही यह गर्मी सहनशील है। इसकी सिफारिश यूपी के पूर्वी हिस्सों, बिहार, झारखंड, ओडिशा, बंगाल, असम और उत्तर-पूर्वी राज्यों के लिए की गई है।
भारतीय गेहूं और जौ अनुसंधान संस्थान (ICAR–IIWBR), करनाल ने गेहूं की एक उन्नत किस्म करण खुशबू (DBW-386) किसानों के लिए जारी की है। यह किस्म समय पर बोई गई सिंचित खेती के लिए उपयुक्त मानी जा रही है और अच्छी पैदावार के साथ कई बीमारियों से भी सुरक्षित रहती है।
खूबियाँ
किस्म की खास बात यह है कि इसकी उपज लगभग 52 क्विंटल/हेक्टेयर तक दर्ज की गई है। इसकी परिपक्वता अवधि 123 दिन होती है (84–135 दिन की रेंज)। यह स्ट्राइप रस्ट, लीफ रस्ट और व्हीट ब्लास्ट जैसी प्रमुख बीमारियों के प्रति प्रतिरोधी है। साथ ही यह हीट स्ट्रेस टॉलरेंट भी है, जिससे बढ़ती गर्मी के दौर में किसानों को फायदा होगा।
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इन इलाकों के लिए उपयोगी
इस किस्म की सिफारिश पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, असम और उत्तर-पूर्वी राज्यों के मैदानी इलाकों के लिए की गई है।किसान समय पर बुवाई कर और सही पोषण प्रबंधन के साथ इससे बेहतर उत्पादन हासिल कर सकते हैं।
ये देखें –
पूजा राय ने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) से पढ़ाई की है।
Lallantop में Internship करने के बाद NewsPotli के लिए कृषि और ग्रामीण भारत से जुड़ी खबरें लिखती हैं।