हरियाणा सरकार राज्य में के प्राकृतिक खेती को बढ़ावा दे रही है. हरियाणा के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्याम सिंह राणा ने कहा कि एक एकड़ में प्राकृतिक खेती करने वाले किसानों को देशी गाय खरीदने के लिए 30 हजार रुपये दिए जाएंगे. हालांकि, इससे पहले राज्य में दो एकड़ या इससे अधिक क्षेत्र में प्राकृतिक खेती करने वाले किसानों को देशी गाय खरीदने पर 25 हजार रुपये की सब्सिडी दी जाती थी. इसके अलावा, राज्य सरकार किसानों को उनके प्राकृतिक रूप से उत्पादित उत्पादों की बेहतर कीमत दिलाने में मदद करने के लिए हैफेड और हरियाणा एग्रो इंडस्ट्रीज कोर्पोरशन (HAIC) को कृषि उपज संगठनों/प्राकृतिक कृषि समूहों के साथ जोड़ेगी.
उन्होंने बताया कि इस योजना के तहत वर्ष 2022 से अब तक कुल 14.77 करोड़ रुपये दिए गए हैं, जिसमें 492 देसी गायों की खरीद के लिए 1.23 करोड़ रुपये शामिल हैं. कृषि मंत्री ने बताया कि प्राकृतिक खेती के उत्पादों के प्रमाणीकरण के लिए भारत सरकार द्वारा हरियाणा राज्य बीज प्रमाणीकरण एजेंसी को नामित किया गया है. राज्य सरकार ने प्राकृतिक खेती उत्पादों के लिए एमएसपी के फार्मूले/निर्धारण का पता लगाने या किसानों को प्राकृतिक खेती अपनाने की शुरुआत में उपज के नुकसान की भरपाई के लिए प्रोत्साहन देने के लिए एक समिति भी गठित की है. उन्होंने बताया कि राज्य सरकार साल 2022-23 से राज्य योजना “सतत कृषि रणनीतिक पहलों को बढ़ावा देने और किसान कल्याण कोष के तहत प्राकृतिक खेती को लागू कर रही है, ताकि किसानों को रसायन मुक्त कृषि अपनाने के लिए जागरूक किया जा सके.
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प्राकृतिक खेती के फायदे
मंत्री ने कहा कि इस योजना का मुख्य उद्देश्य प्रकृति के साथ सामंजस्य मिलाते हुए जलवायु अनुकूल खेती को बढ़ावा देना, खेती की लागत में कमी लाना और खेती को एक स्थायी आजीविका विकल्प बनाना, मिट्टी की उर्वरता, सूक्ष्म वनस्पतियों और जीवों, जल धारण क्षमता, जल घुसपैठ और छिद्रण में सुधार करना, रसायन मुक्त कृषि को बढ़ावा देना, मिट्टी, पर्यावरण और जलीय प्रदूषण में कमी लाना, प्राकृतिक खेती को अपनाने के लिए कृषक समुदाय में जागरूकता पैदा करना है.
प्राकृतिक खेती के लिए जागरूकता
श्याम सिंह राणा ने बताया कि प्राकृतिक खेती योजना के इन उद्देश्यों को पाने के लिए राज्य सरकार ने बड़े पैमाने पर जागरूकता अभियान, किसान गोष्ठियां, कार्यशालाएं, प्राकृतिक खेती मेले, अधिकारियों और किसानों के लिए एक्सपोजर विज़िट शुरू किए हैं. वर्ष 2022 से अब तक 720 किसान गोष्ठियां, 22 कार्यशालाएं, एक राज्य स्तरीय मेला आयोजित किया जा चुका है और इन कार्यक्रमों में 35,000 से अधिक किसानों ने भाग लिया है. उन्होंने आगे जानकारी दी कि प्राकृतिक खेती की पद्धतियां प्रचलित रसायन आधारित खेती से काफी अलग हैं, इसलिए नई प्रणाली को अपनाने में आने वाली चुनौतियों को देखते हुए किसानों को व्यापक प्रशिक्षण की जरूरत है.
प्राकृतिक खेती के लिए 1 लाख एकड़ का लक्ष्य
श्याम सिंह राणा ने बताया कि 1,77,892 किसानों ने प्राकृतिक खेती में रुचि दिखाई है और 2,63,979 एकड़ क्षेत्र के लिए प्राकृतिक खेती पोर्टल पर अपना रजिस्ट्रेशन कराया है. इसमें से 16800 एकड़ क्षेत्र में प्राकृतिक खेती अपनाने के लिए 10474 किसानों का वेरिफिकेशन किया जा चुका है. उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने वर्ष 2025-26 के बजट में प्राकृतिक खेती के अंतर्गत 1.00 लाख एकड़ का लक्ष्य निर्धारित किया है. कृषि मंत्री ने राज्य में प्राकृतिक खेती पर विशेष फोकस करने की प्रतिबद्धता जाहिर करते हुए कहा कि प्रदेश सरकार अपने प्रदेश के लोगों की सेहत और आर्थिक हालात को बेहतर करने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है.
ये देखें –
पूजा राय ने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) से पढ़ाई की है।
Lallantop में Internship करने के बाद NewsPotli के लिए कृषि और ग्रामीण भारत से जुड़ी खबरें लिखती हैं।