बाराबंकी(उत्तर प्रदेश)।” इस बारिश से सरसों तो बर्बाद हो गई है, गेहूं का उत्पादन भी आधा हो जाएगा, क्योंकि फसल गिर गई और दाना पोढ़ा (मेच्योर) नहीं होगा।” लखनऊ से 50 किलोमीटर दूर बाराबंकी के फतेहपुर के किसान ने न्यूज पोटली से कहा।
3 मार्च की दोपहर को हीरालाल अपने पूरी परिवार के साथ भीगी सरसों समेटने में जुटे थे, बारिश का एक दौर निकल चुका था, हल्की-हल्की बारिश के बीच वो किसी तरह अपनी फसल को घर ले जाने में जुटे थे।

सरसों का लेहना उठाते हुए वो आगे कहते हैं, ” इस बार हमने 5 बीघे (एक एकड़) में गेहूं बोया था, बारिश और तेज हवा में सब गिर गया है। अब हमें लग रहा है इसबार उत्पादन आधा होगा। जो गेहूं पैदा होगा उसका दाना मोटा नही होगा।” हीरालाल बताते हैं।
उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों में बीते कई दिनों से हो रही बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है । कई जगहों पर रबी की गेहूं, सरसों और आलू समेत कई अन्य फसलों को काफी नुकसान हुआ है। किसानों को इस बात का डर सता रहा है कि इस बार उत्पादन आधा हो जायेगा।

हीरालाल से करीब 5 किलोमीटर दूर बाराबंकी में ही तहसील फतेहपुर करीब एक गांव में झमाझम बारिश के बीच नियाज अपने खेत से आलू की बोरियां उठवा रहे थे। उन्होने बताया “इसबार हमने 8 बीघे में आलू की फसल बोई थी। बारिश से हमे करीब 5 से 10 हजार रुपये का नुकसान हो जायेगा। अगर आगे भी मौसम ऐसा ही रहेगा तो आलू सड़ने लगेगा और नुकसान ज्यादा होगा।”
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने X हैंडल पर पोस्ट कर कहा “आकाशीय बिजली, ओलावृष्टि, तेज बारिश, आंधी-तूफान आदि आपदाओं से पशु हानि, मकान क्षति के मामलों में प्रभावितों को अनुमन्य आर्थिक सहायता अविलंब प्रदान करने तथा फसलों को हुए नुकसान का तत्काल आकलन कर शासन को आख्या उपलब्ध कराने हेतु संबंधित जिलाधिकारियों को निर्देशित किया है।”