सरकार की वो योजनाएं, जो किसान के लिए ‘वरदान’ से कम नहीं!

भारत एक कृषि प्रधान देश है, देश की आधी से ज्यादा आबादी का पहला रोज़गार खेती ही है। शायद यही वजह है, कि हर कोई किसानों के हालात सुधारने की बात करता है। हर सरकार किसानों को सशक्त बनाने का दावा करती है। इसके लिए सरकारें अलग-अलग वक्त पर योजनाएं लाती रहती हैं। मोदी सरकार भी किसानों के लिए कई योजनाएं ले आई। आपको बताते हैं, ऐसी सरकारी योजनाएं, जो हर किसान के लिए बहुत फायदेमंद हैं और उन्हें इसके बारे में ज़रूर जाना चाहिए।

किसान मानधन योजना

इस योजना के तहत बुजुर्ग किसानों को पेंशन देने का प्रावधान है। किसान मानधन योजना के तहत 60 साल पार कर चुके किसानों को 3 हजार रुपए हर महीने मिलते हैं।

खाद्यान्न भंडारण योजना

देश में ज्यादातर छोटे किसान हैं। जिनके पास अपनी फसलों को सुरक्षित रखने के लिए भंडारण की व्यवस्था नहीं है, इसी को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार ने विश्व की सबसे बड़ी खाद्यान्न भंडारण योजना को मंजूरी दी है। इससे किसान भाई अपनी फसलों को सुरक्षित रख सकेंगे ताकि उनकी फसल बर्बाद होने बचे।

किसान सम्मान निधि

इस योजना की शुरुआत 2019 हुई। इस योजना के अंतर्गत किसान भाइयों को हर साल 6 हजार रुपए दिए जाने का प्रावधान है। किसान सम्मान निधि योजना के अंतर्गत अब तक 11 करोड़ किसान लाभान्वित हो चुके हैं, जिसके तहत 2.8 लाख करोड़ की सम्मान निधि आवंटित हुई है।

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत, 2016-17 से 5,696.8 लाख किसान आवेदनों का बीमा किया गया है, जिसमें किसानों को दावों के रूप में कुल 1,54,469 करोड़ रुपए का भुगतान किया गया है। वहीं, किसानों को किफायती दरों पर फर्टिलाइजर उपलब्ध कराने के मकसद से फर्टिलाइजर पर रबी सीजन 2023- 24 के लिए एनपीएस दरें स्वीकृत की गई है, जिस पर 22,303 करोड़ रुपए का खर्च अनुमान जताया गया है।

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2.62 करोड़ रुपए की आर्थिक सहायता

केंद्र सरकार ने करीब 11 करोड़ किसानों को 2.62 करोड़ रुपए की आर्थिक सहायता देने की योजना बनाई है, जिसके लिए 2013-14 से 2023-24 तक बजट में 363% की बढ़ोतरी की गई थी। वहीं, 2022-23 में कृषि क्षेत्र को 18.5 लाख करोड़ का संस्थागत कर्ज देने का ऐलान किया गया था। इसके साथ ही हल्दी का उत्पादन करने वाले किसानों के हितों का भी केंद्र सरकार ने विशेष ध्यान रखा है। हल्दी का उत्पादन करने वाले किसानों के लिए सरकार ने राष्ट्रीय हल्दी बोर्ड की स्थापना की। 2030 तक हल्दी निर्यात को 1 अरब तक बढ़ाने का लक्ष्य रखा गया है।

परम्परागत कृषि विकास योजना

परम्परागत कृषि विकास योजना (PKVY) और उत्तर पूर्वी क्षेत्र के लिए मिशन जैविक मूल्य श्रृंखला विकास (MOVCDNIR) देश में जैविक खेती को बढ़ावा देती है। अब तक लगभग 16.19 लाख किसानों को इसका फायदा मिल चुका है। भारत सरकार अल्पकालिक कार्यशील पूंजी की जरूरतों को पूरा करने के लिए किसानों को kcc के जरिए से 4 प्रतिशत प्रति वर्ष ब्याज पर कृषि क्षेत्र के लिए लोन दे रही है।

किसानों को सब्सिडी

सरकार ने उर्वरक उत्पादन और सबसिडी में बढ़ोतरी की है। किसानों के बीच अब नीम कोटेड यूरिया की उपलब्धता भी बढ़ी है। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना से फसल नुक्सान कवर का दायरा बढ़ा है और अभी तक किसानों को इसके जरिए 1.54 लाख करोड़ का क्लेम दिया जा चुका है। नमो ड्रोन दीदी योजना से ड्रोन की खरीदारी पर 80 प्रतिशत राहत मिल रही है। देशभर में 1,389 मंडियां ई-मंडी नाम पर रजिस्टर्ड हुई हैं।

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